The Monk Who Sold His Ferrari Book Summary in Hindi – सन्यासी जिसने अपनी सारी संपत्ति बेच दी
नमस्कार साथियों आप सभी का नॉलेज ग्रो हिंदी ब्लॉग पर स्वागत है। साथियों आज की यह ब्लॉग पोस्ट आप सब के लिए बहुत ही इंस्पिरेशनल और लाइफ चेंजिंग साबित होने वाली है, क्योंकि इस ब्लॉग पोस्ट में हम आपके साथ The Monk Who Sold His Ferrari Book Summary in Hindi में शेयर करने वाले हैं।
दोस्तो The Monk Who Sold His Ferrari Book (सन्यासी जिसने अपनी सारी संपत्ति बेच दी) आज के समय में चल रही मॉडर्न लाइफ स्टाइल की समस्याओं के समाधान का आइना है। यह किताब एक पूर्व लॉयर जूलियन मेंटले की काल्पनिक कहानी के माध्यम से आपको एक खुशहाल, आत्मज्ञान से भरे और संतोषमय जीवन जीने का तरीका सिखाती हैं। इसीलिए आप सब इस बुक समरी को अंत तक जरूर पढ़िए।
The Monk Who Sold His Ferrari Book किन लोगों केलिए हैं?
- वे लोग जो अपने सपनों को पूरा करना चाहते हैं।
- वे लोग जो सेल्फ हेल्प किताबों को पढ़ना पसंद करते हैं।
- वे लोग जो कामयाबी हासिल करना चाहते हैं।
इस किताब के लेखक के बारे में…
प्रोफेशन से लॉयर रह चुके लेखक रॉबिन शर्मा जी लीडर शिप और पर्सनेलिटी डेवलपमेंट विषयों पर बोलने वाले मोटिवेशनल स्पीकर हैं। इनकी बेस्ट सेलर बुक है, 👇
The Monk Who Sold His Ferrari Book आपको क्यों पढ़नी चाहिए?
साथियों आप सब ने कछुए और खरगोश की कहानी तो सुनी ही होगी, जिसमे की खरगोश को अपने जीत का इतना भरोसा था कि उसने कछुए को रेस के लिए चैलेंज कर दिया, और खुद को रेस में आगे पाकर सो गया और अंत में जीत कछुए की हो गई। दोस्तो ऐसी ही कई कहानियां हमारे समाज में आमतौर पर छोटी बड़ी शिक्षाएं देने केलिए इस्तेमाल की जाती है।
अब आप इस बात की कल्पना करे की आपको किसी ने ऐसी रोचक कहानी सुनाई, जिसे सुनकर आपने अपना जीवन जीने का तरीका ही बदल दिया, और तो और अपनी सबसे प्यारी चीज को ही बेज दिया। तो आइए ऐसी ही एक जीवन को बदल देनी वाली कहानी को इस किताब की समरी के जरिए आपको बताते हैं, और एक सरल और सुखी जीवन जीने की और कदम बढ़ाते हैं।
The Monk Who Sold His Ferrari Book Summary in Hindi – सन्यासी जिसने अपनी सारी संपत्ति बेच दी
दोस्तो यह कहानी है जूलियन मेंटले नामक एक वकील की जिसके पास भगवान का दिया हुआ सबकुछ था। लंदन के फेमस यूनिवर्सिटी हावर्ड लॉ कॉलेज से ग्रेजुवेशन करने के बाद वो अमेरिकन कोर्ट का एक जाना माना ट्रायल लॉयर बन गया। जुलियन दिन भर काम करता था, जैसे जैसे समय बीतता गया जुलियन की ख्याति बढ़ती गई और उस पर काम का भार भी बढ़ता गया।
जूलियन को अच्छे अच्छे केसेस मिलते गए और उसने हर चुनौतियों का सफलता से सामना किया और उसकी मेहनत बढ़ती गई। उसके बाद जूलियन ने हर वो चीज हासिल करली थी, जिसकी अधिकांश लोग कामना करते हैं। उसके पास 7 अंको की आमदनी, एक आलीशान घर और एक लाल रंग की चमकती हुई Ferrari थी। उसके पास वो सबकुछ था जिसका सपना हर एक इंसान देखता है।
लेकिन अब वो अंदर ही अंदर अपने समय के साथ संघर्ष कर रहा था, क्योंकि उसका शेड्यूल बहुत बिजी था। हर रोज उसे नए और जरूरी केसेस केलिए बहस करनी पड़ती थीं, और किसी भी चीज से उसे संतुष्टि नहीं मिल रही थी। वह अपने आपको रसातल में ले जा रहा था, ऐसा प्रतीत होता था मानो वो अपने आपको समाप्त करना चाहता था।
यधापि उसके पास वह सब कुछ था जिसकी हर किसी को कामना होती है, लेकिन जो कुछ वह तलाश कर रहा था पता नही वह क्या था, जो अब भी उसको नही मिला था। ऐसा भावनात्मक स्तर पर, भौतिक स्तर पर तथा आध्यात्मिक स्तर पर स्पष्ट दिखाई देता था।
जुलियन 53 वर्ष की आयु में ऐसा लगता था मानो सत्तर के दशक के अंतिम वर्षों में हो। उसका चेहरा झुरियो से भरा हुआ था मानो आम जीवन के प्रति जो उसका दृष्टिकोण था की “किसी को कैद मत करो” उसके लिए ये झुरिया नजराना थी। लेकिन यह सब उसकी असंतुलित भोजन और जीवन शैली के वजह से हुआ था।
जुलियन अब जो कुछ भी कर रहा था उसमे उसकी कोई रुचि नहीं थी और उसे अब खालीपन का अनुभव होता था। उसके ऊपर काम का दबाव इतना बढ़ गया की उसके कारण उसे एक दिन कोर्टरूम में ही हार्ट अटैक आया और वो बेहोश हो गया।
इस घटना के बाद उसने कभी दुबारा केस नही लड़ा और उसके जान पहचान वाले लोगों का कहना था की वो सब कुछ छोड़कर शांति और संतोष की खोज में भारत चला गया है। असल में यही हुआ था जुलियन ने भारत जाने से पहले अपनी सारी संपत्ति बेच दी थी और उसके साथ ही उसने अपनी सबसे प्यारी चीज यानी की उसकी Ferrari को भी बेज दिया था।
इसके 3 साल बाद एक दिन वो अपने करीबी दोस्त जॉन के पास आ पहुंचा तो उसका दोस्त उसे देखकर हैरान रह गया क्योंकि अब वो एकदम सेहतमंद और चुस्त तंदुरुस्त बन गया था, उसके चेहरे पर तेज झलक रहा था और उसपे गौतम बुद्ध जैसी खुबसूरत मुस्कुराहट थी। अब उसका शरीर 30 साल के युवा की तरह हो गया था।
दोस्तो हुआ ये था की अपनी भारत की यात्रा के दौरान जुलियन मिलो दूर पैदल चलकर उन महान योगियों से मिला जिन्होंने अपने उम्र के पड़ाओ को भी मात दे दी थी। इसी दौरान उसने हिमालय में रहने वाले सिवाना के संतो के बारे में सुना और इसी कारण वो अपनी खोज जारी रखते हुए हिमालय पर्वत की श्रृंखलाओ पर जा पहुंचा, जहा उसकी मुलाकात योगी रमन जी से होती है, जिनके सानिध्य में रहकर उसने सच्ची जागरूकता को हासिल करके अपने अंतर आत्मा से मिलन किया।
उसके बाद योगी रमन जी ने अपना ज्ञान उसके साथ बाटा, उन्होंने जिंदगी के सही मायनो के बारे में चर्चा की जिससे जूलियन मेंटले ने सीखा की कैसे आप अपने जीवन में जीवंत और रचनात्मक संतुष्टि महसूस कर सकते हैं। योगी रमन जी ने जिंदगी के सच्चे रहस्य बताने से पहले जुलियन के सामने यह शर्त रखी की,
उनसे मिले ज्ञान को प्राप्त करने के बाद वो जहा से आया है, वहा पर वापस चला जाए और उनसे मिले ज्ञान को और लोगों में फैलाकर जन कल्याण का काम करें। और इसी वादे को पूरा करने केलिए जुलियन वापस अपने सच्चे दोस्त जॉन के पास ज्ञान को बाटने केलिए चला आता है। और उसे वो 7 विशेष गुण के बारे में बताता है, जो जीवन को आलोकित कर सकते हैं।
तो आइए जानते वो सात विशेष गुण जो किसी भी इंसान के जीवन को आलोकित कर सकते हैं। योगी रमन जी ने उन सात गुणों को एक कहानी के माध्यम से बताया जो की इस प्रकार है।
“तुम एक हरे भरे भव्य बगीचे में बैठे हुए हो। यह बगीचा ऐसे असाधारण फूलो से भरा हुआ है, जिसे तुमने शायद ही कभी देखे हो। वातावरण में एकदम शांति और नि:स्तब्धता है और इस बगीचे के बीच में एक लाइट हाउस था। सबकुछ इतना शांत था की तब ही वहा की शांति को भंग करने केलिए एक सुमो पहलवान लाइट हाउस के बीचों बीच से बाहर आ जाता हैं। 9 फिट लंबा और 900 पाउंड वजनी उस सुमो पहलवान ने अपने तन को ढकने केलिए सिर्फ एक गुलाबी वायर की केबल थी, जिसके मदद से उसने अपने निजी अंगों को ढका हुआ था।
गार्डन में घुमता हुआ वो एक सुनहरी घडी से टकरा गया उसे देख कर वो हैरान रह गया और उसे उठा लिया जैसे उस घडी को उसने अपने हाथ में पहना वो बेहोश होकर जमीं पर गिर गया. जब वो जगा तब उसके अन्दर एक नयी उर्जा थी, शायद हम इसके लिए उसके आस पास खिले उन पीले खुशबूदार गुलाबो का शुक्र कर सकते हैं, जिसने उसे नए उत्साह और उर्जा से भर दिया था. उसके बाद वो हडबडा कर उठ खड़ा हुआ और अपने आस पास हैरत से देखने लगा. तभी उसकी नजर एक हीरो से जड़े रास्ते पर पड़ी, और वों उस पर चल पड़ा. वो रास्ता उसे कभी न ख़त्म होने वाली खुशियों और संतोष के पास ले गया.”
दोस्तों सुनने में तो यह कहानी आपको बहुत ही अजीब लग रही होगी, पर यह कहानी का तत्व सिवाना सिस्टम के सिधान्तो और पहलुओ को उजागर करता है. आगे आने वाले अध्याय में हम इन सिधान्तो और इस कहानी का आपस में सबंध देखेंगे. तो पहिला सिधांत यह हैं की,
1. अपने मन को वश में करों.
दोस्तों सच्चा संतोष प्राप्त करने केलिए आपको अपने मन को वश में करना बहुत ही जरुरी है. योगी रमण की कहानी में जो खुबसूरत बगीचा था वो हमारे मन को दर्शाता है, कई लोग इस सुन्दर गार्डन को गन्दा कर देते है, अर्थात उसे डर और नेगेटिव विचारो से भर देते है. इसीलिए योगी रमण जी का सबसे पहला सिधांत यह है की अपने मन को कण्ट्रोल में करना. आप इस गार्डन रूपी मन के गेट पर अपने दृढनिश्चय को किसी गार्ड की तरह खड़ा करदे त्ताकी वो बस पॉजिटिव और अछे विचारो को ही अन्दर जाने दे और हानिकारक विचारो को बहार ही रखे.
दोस्तों हमारे विचार ही हमारे जीवन का आकार निर्धारित करते है. अगर आप अपने जीवन में खुशिया और शांति चाहते है तो आप अपने दिमाग को उत्साह पूर्ण और शांत विचारो से भर दीजिये. क्योंकि आप जैसा सोचेंगे आपके आस पास का माहोल भी वैसा ही हो जायेगा.
तो अगर आपको अपने मन को वश में करने का तरीका सिखना है, तो आपको योगी रमण द्वारा बताये हुए २ तरीको अपनाना होंगा, और उन २ तरोको में से पहिला तरीका है,
हार्ट ऑफ़ रोज टेक्निक
दोस्तों इस तकनीक को अपनाने के लिए आपको एक शांत वातावरण और एक गुलाब के फुल की आवश्यकता है, अब आपको करना यह है की उस गुलाब के फुल के बिच में ध्यान केंद्रीत करने कोशिश करनी है और उस फूल के सुन्दरता के बारे में सोचना है. जैसे की उस फूल का रंग और उसकी बनावट.
दोस्तों शुरू में आपको इस तकनीक को अपनाने में थोड़ी मुश्किलें होगी और आपका ध्यान इधर उधर भटगेगा लेकिन अगर आपने एक बार इसमे महारत हासिल करली तो आप अपने विचारो और सोच पर आसानी से नियंत्रित रख सकेंगे. उसके बाद फिर ये आपके हाथ में होगा की आप किस तरह के विचारो को अपने मन में स्थान देते है और किसे नहीं.
उलटा सोचने की कला
दोस्तों अपने मन पर काबू पाना और वहा सिर्फ पॉजिटिव विचारों को ही प्रवेश करने देने में सफल होने केलिए आपको योगी रमण जी ने उल्टा सोचने की कला के बारे में बताया हुआ है. जिसके अनुसार जब भी आपके दिमाग में कोई नकारात्मक विचार आये तो आप उसी के विपरीत कोई पॉजिटिव विचार से बदल दे .
में आपको एक उदाहरन देकर समजाता हु, अगर आपके दिमाग में अपने रंग रूप को लेकर कोई नेगेटिव विचार आये, तो उल्टा अपने आप की तारीफ करना शुरू कीजिये और अपने रंग के अछे पहलुओ के बारे में सोचे.
2. अपने उदेश्यो को पूरा करो.
दोस्तों एक संतोष भरा और खुशहाल जीवन जीने केलिए जरुरी है की आपको अपने जीवन का उद्देश्य का पता हो, क्यूंकि यही आपको जीने की सही राह दिखाएगा.
दोस्तों सिवाना के संतो का और योगी रमण जी का दूसरा नियम यह हैं की अपने उदेश्य को पहचानिए और उसे पूरा करे. योगी रमण जी की कहानी में जो लाइट हाउस था वो और कुछ नहीं बल्कि एक उदेश्य ही था जो की उस गार्डन में मार्गदर्शन का काम करता था.
ठीक उसी प्रकार हमारे जीवन में भी एक उदेश्य का होना बहुत ही जरुरी है, जो की हमारे जीने की राह पर हमारा मार्गदर्शन करें. सिवाना के जंगलो में जो संत रहते थे उन्ह सब को अपने जीवन का सही उदेश्य पता होता था, इसीलिए वो कभी अपना समय व्यर्थ नहीं करते थे क्यूंकि उन्हें इस जीवन में परमात्मा के द्वारा दिए गए किसी खास लक्ष्य को पूरा करना होता था.
इन संतो ने जीवन के इस उदेश्य को संस्कृत का शब्द धर्म का नाम दिया हैं, पुराने समय से, ये मान्यता चली आ रही है की जो भी व्यक्ति इस धरती पर जन्म लेता है वो किसी न किसी काम को पूरा करने केलिये ही आता है, और वो उसका धर्म हैं. इसीलिए सिवाना के संतो का कहना है की अपने धर्म का आदर करके उसे पूरा करने की राह पर चलकर ही जीवन का सच्चा सुख और शांति प्राप्त हो सकती है.
अपने जीवन के उदेश्य को समझने केलिए जरुरी है की आप पहले अपने लक्षो को तय करें, क्यूंकि जब तक आपकी नज़रे निशाने पर नहीं होंगी तब तक आप सही निशाना नहीं लगा सकते हैं. तो आइये देखते है की सिवाना के संतो द्वारा जीवन के उदेश्य को समझने केलिए जो पाच विधिया बतायी हुई है उनको जानते हैं.
उसमे से पहला कदम है की आप अपने द्वारा निर्धारित उदेश्यों के परिणामो का एक चित्र अपने दिमाग में बना ले, जैसे की मान लीजिये की आपका लक्ष्य है, वजन को घटाना तो आप अपने दिमाग में आप और भी ज्यादा पतले और एकदम फिट रूप की कल्पना कर सकते हैं. ये चित्र आपको अपने वजन घटाने के मिशन में बढ़ते रहने केलिए आपको प्रेरना देगा.
दूसरा कदम यह है की खुद पर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने केलिए दबाव बना कर रखना हैं, लेकिन यह याद रहे की ये दबाव सकारात्मक तारिके से बनाये. दबाव में अक्सर इन्सान वो काम भी कर दिखाता है जो उसने सोचा भी न हो, इसीलिए खुद पर दबाव बनाने केलिए आप अपने प्लान के बारे में सोचते रहे दूसरो को भी इसके बारे में बताये.
उसके बाद तीसरा कदम यह है कि अपने लक्ष्य को प्राप्त करने एक डेडलाइन तय करें और अपने दिमाग में उस डेडलाइन को बिठा के रखे और अपने सारे कामो को उसी के हिसाब से करे.
अपने उदेश्य को पूरा करने केलिये चोथा कदम यह है २१ दिन का मैजिक रुल को अपनाये, जिसके अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी काम को लगा तार २१ दिनों तक करता है, तो वो उसकी आदतों में शुमार हो जाता है.
और उसके साथ पाचवा और आखरी कदम यह है की आप अपने लक्ष्य को प्राप्त करने केलिए किये जाने वाले इस प्रक्रिया का आनंद उठाते रहिये और इसे बोझ न समझे.
3. kaizen टेक्निक का इस्तमाल करे.
दोस्तों आपको योगी रमण की कहानी का वो सूमो रेसलर याद है, वो भी सिवाना के संतो द्वारा और योगी रमण द्वारा बताये हुए तीसरे गुण को दर्शाता है, और वो गुण है kaizen. दोस्तों kaizen एक जापानी शब्द हे जिसका अर्थ हे निरंतर होने वाला और कभी न रुकने वाला सुधार, इस गुण में सिवाना के संतो और योगी रमण जी ने अपनी प्रतिभावो को निखारने का रास्ता बताया हुआ हैं. इस गुण को सिखने केलिए उन्होंने १० कदमो की एक प्रक्रिया के बारे में बताया है , जिसे उन्होंने १० रिचुअल ऑफ़ लाइफ यानि की खुशाल जीवन की १० रस्मे नाम दिया हुआ है. उसमे से पहली रस्म हे,
1. एकांत
दोस्तों एकांत यानि की आपकी पूरी दिनचर्या में कम से कम कुछ वक्त ऐसा होना चाहिए जब आप अकेले किसी शांत वातावरण में बैठ कर अपने अन्दर की संभावनाओ और प्रतिभाओ के बारे में सोचे.
- जरुर पढ़े : ध्यान क्या है और इसके फायदे क्या हैं?
2. शारीरिक विकास:
दोस्तों दूसरीं रस्म है, शारीरिक विकास जिसके अनुसार आपको अपने शरीर का ध्यान रखना हैं, क्यूंकि एक स्वस्थ शारीर में ही एक स्वस्थ दिमाग और सोच का निवास होता है. इसीलिए आपको हर रोज कम से कम 30 मिनिटे केलिए व्यायाम करना है, जिससे आपका शरीर तंदुरुस्त रहेगा और आप हमेशा स्वस्थ और अच्छा महसूस करोगे.
3. भरण पोषण
दोस्तों तीसरा रस्म है अपना भरण पोषण करने की, सिवाना के संतो के अनुसार एक व्यक्ति को हमेशा जिवंत भोजन का सेवन करना चाहिए. अर्थात जिस भोजन में जीवन हो और वो मरा हुआ न हो, यानि सरल भाषा में कहे तो फल और हरी सब्जियो (शाकाहारी भोजन) का सेवन करना चाहिए.
4. ज्ञान
दोस्तों रस्म है अपार ज्ञान प्राप्त करने की, जिसके अनुसार इन्सान को अपनी लाइफ में निरंतर कुछ न कुछ अच्छा सिखते और पढ़ते रहना चाहिए. इसके लिए आप अपने दिमाग को हमेशा ज्ञान अर्जन केलिए उतेजित रखे और कुछ न कुछ पढ़ते रहिये. दोस्तों ज्ञान को प्राप्त करने केलिए इस किताब में कुछ किताबो को पढ़ने केलिए सुजेस्ट किया हुआ है उसे आपको जरुर पहना चाहिए. जैसे की मार्कस ओरेलिस की दी मैडिटेशनस , नेपोलियन हील की थिंक एंड ग्रो रिच बुक आदि …
5. आत्मचिंतन
दोस्तों पाचवी रस्म हे आत्मचिंतन यानि की आप रोज अपना दिन ख़त्म होने के बाद खुद से यह सवाल जरुर पूछिए की आज आपने अपनी बेहतरी की के लिए क्या किया?
६. सुबह जल्दी उठना
दोस्तों छठी रस्म है सुबह जल्दी उठने की ये उन लोगो केलिए बड़ी कठिन होगी जो की सोने का भरपूर आनंद उठाते है, क्यूंकि इस रस्म के अनुसार आपको मात्र ६ घंटो की नींद लेनी है और रोज सूरज उगने के साथ उठना है.
७. संगीत सुनना
दोस्तों सातवी रस्म है संगीत सुनना, सिवाना के संतो के अनुसार आपको जितना हो सके उतना एक सुहावना और शांत संगीत को सुनना चाहिए, क्यूंकि ये आपके मूड को अच्छा रखने में आपकी मदद करता है.
८. मंत्र जप
आठवी रस्म है मंत्र का जप करना, इस रस्म में आपको मंत्र का जप करना है. मंत्र शब्दों का वह समूह होता है जिसमे शब्दों का प्रयोग निश्चयात्मक प्रभाव को निर्मित करने केलिए होता है. और योगी रमण जी के अनुसार संतो के पास मंत्र की श्रंखला थी जिन्हें वे प्राप्तकाल और श्याम को जपते थे. और इस अभ्यास से उन्हें अपना ध्यान केन्द्रित करने में और खुद को शक्तिशाली बनाने में बहुत मदद मिलती थी.
९. योग्य चरित्र
दोस्तों नववी रस्म है अनुकूल चरित्र की, अर्थात आपकों अपना चरित्र और मन इस तरह इस प्रक्रिया में ढालना है की आप निरंतर इसका पालन करते रहे.
१०. सादगी
दोस्तों इस रस्म के अनुसार आपको सादगी पूर्ण जीवन जीना चाहिए, जैसा की योगी रमण जी ने कहा है की, “किसी भी व्यक्ति को छोटी छोटी बातो में समय बर्बाद नहीं करना चाहिए, और अपनी प्रमुख्ताओ पर, उन कार्यो पर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए जो महत्वपूर्ण हो”. तो बस उस सुमों रेसलर को याद करते हुए आप kaizen के इस सिधांत का पालन करना चाहिए.”
4. अनुशाषित रहना
दोस्तों इस अध्याय में योगी रमण जी कहते है की उस कहानी में सूमो रेसलर की एक और खास बात थी जिसपर हमें गौर करना चाहिए, वो ये थी की उसके तन पर कोई वस्त्र नहीं था बस एक गुलाबी रंग की तार से उसने अपने निजी अंगो को ढक दिया था. उस कहानी में उस गुलाबी तार उसके अनुशाशन को दर्शाती है. सभी सिवाना के संतो ने जुलियन को अनुशासन से भरा जीवन जीने की सलाह दी और कहा की अनुशासन से हम अपने जीवन के उदेश्य को प्राप्त कर सकते है.
लेकिन जीवन में अनुशासन रखना इतना आसान नहीं है, इसके लिए योगि रमण जी ने जुलियन को एक उपाय बताया की वो हर हप्ते एक बार मौन व्रत को धारण करे, ऐसा बार बार करते रहने से कोई भी व्यक्ति अपने मन के ऊपर काबू पाना सिख जाता है और उसका मन और अधिक अनुशासित तरीके से सोचने लगता है.
5. अपने समय की क़द्र करों.
दोस्तों जैसे जैसे कहानी आगे बढती है उस सूमो रेसलर को एक सुनहरी घडी मिलती है और वो घडी योगी रमण जी के अनुसार सिवाना के संतो के पाचवे गुण को दर्शाता है. जो है अपने समय की क़द्र करना. हलाकि सिवाना के संत समाज से दूर जंगल में रहते थे, लेकिन फिर भी वो अपने समय की बहुत क़द्र करते थे और अपना हर काम समय के अनुसार पूरा करते थे.
उनका मानना था की समय पर काबू पाने का मतलब है अपनी जिंदगी पर काबू पाना. वो सभी घडी की सुइओ को इस बात का सूचक मानते थे की एक दिन सभी को मरना है, इसीलिए वे सब मानते थे की हर व्यक्ति को अपना जीवन पूरी तरह से जीना चाहिए. अपने समय का सही प्रयोग करना और सोच समझ कर उसका इस्तेमाल करना बहुत जरुरी हैं. इसीलिए जब भी आप रात को सोने केलिए जाये तब आपको १५ मिनिट निकालकर अगले दिन की प्लान्गिंग जरुर कीजिये.
दोस्तों अगर आपको अपने समय का प्रबधन करना सिखना चाहते है, तो आपको निचे दिए हुए आर्टिकल को इसके बाद में अवश्य पढ़िए.
- जरुर पढ़िए : टाइम मैनेजमेंट बुक समरी इन हिंदी
आप अपने समय के साथ हमेशा थोडा क्रूर रहिये और उसे बिलकुल भी व्यर्थ न करे, दूसरी जरुरी बात यह है की ना कहना आना चाहिए यानि की आपको हर उस काम केलिए ना कह सके जो आपके लिए महत्वपूर्ण नहीं है. आपको वही काम करना चाहिए जो आपके लिए महत्वपूर्ण हो.
दोस्तों याद रखे की आप अपना हर दिन ऐसे जिए की वो आपके जिंदगी का आखरी दीन हो और जब भी आपको जिंदगी कोई काम करना हो, तो पहले खुद से यह प्रश्न पूछिए की क्या आप अपने जीवन का आखरी दिन ये काम करते हुए बिताना चाहते है . अगर आप ऐसा करते है, तो आप में खुद ही ना कहने की हिम्मत आ जाएगी.
6. निस्वार्थ भावना से दूसरो की मदद करे.
दोस्तों जिस प्रकार जुलियन अपने कोर्ट रूम में अपने काम के दबाव में आकर बेहोश हो गया था, उसी तरह योगी रमण की कहानी में सूमो रेसलर भी बेहोश हो गया था. लेकिन जब वो उठा तो एक नयी उर्जा से भरा हुआ था जिसका कारन वहा खिले पीले गुलाबो की खुशबू थी. तो आखिर पीले गुलाब आखिर क्या दर्शाते है आइये जानते है?
दोस्तों चाइना में एक कहावत है की ‘गुलाब की खुशबू काफी दिनों तक उन हाथो में रहती है, जो उसे किसी को भेट करते है’. इसका मतलब यह की ये पीले खुशबूदार गुलाब सिवाना सिस्टम के छठे गुण को दर्शाते है, जो की निस्वार्थ भाव से सेवा करने का है. सिवाना के संतो का कहना है की हमें दूसरों के प्रति दया और सौहाद्र की भावना रखनी चाहिए, क्यूंकि किसी की मदद करके हमारी जिंदगी में संतोष आ जाता है.
रोज सुबह उठकर आप कुछ देर के लिए इस बात का चिंतन जरुर करें आप इस दुनिया को अच्छा क्या दे सकते हैं और किसी और की जिंदगी को बेहतर करने केलिए क्या कर सकते है. आपको ज्यादा कुछ करने की जरुरत नहीं है क्यूंकि कई बार छोटी छोटी चीजे भी बहुत कुछ कर जाती है, जैसे की कभी किसी की यु ही तारीफ करके उसे खुश कर सकते है, या आप मुसीबत में फसे अपने किसी दोस्त की मदद कर दे और अपने परिवार के साथ हमेशा प्यार से पेश आये और उन्हें यह यकींन दिलाये की आप उनके लिए है. बस इतना सब करके देखे की कैसे आपकी लाइफ खुशियों से भर जाती है.
७. वर्तमान को लगे लगाओ.
दोस्तों उस कहानी में गुलाबो की खुशबु से जगाने के बाद रेसलर को एक हीरो से जड़ा रास्ता मिलता है, जो उसे कभी न ख़त्म होने वाले आनंद और सुख की और ले जाता है. ये रास्ता सिवाना के सिवाना के संतो द्वारा बताया हुआ ७ वे गुण के बारे में दर्शाता है. और वो गुण है, अपने वर्तमान में जिने का.
सिवाना के संतो का यह मानना था की जिंदगी का असली सुख अपनी मंजिल पर पहुचने में नहीं है बल्कि जिंदगी तो खुद ही एक सफ़र है. इस सफ़र रूपी जीवन के रास्ते में बहुत से हीरे अर्थात छोटी छोटी खुशिया मिलती जाती है, इन हीरो की परख करने के लिए आपको रोज आभार व्यक्त करना सिखना होगा.
अपने परिवार माता पिता और उस परमेश्वर के सदा आभारी रहे तो आपकी जिंदगी में खुशिया कभी भी कम नहीं होगी. इसीलिए हर वक्त ये सोचकर जिए की जो हे अभी है और इसीलिए हर पल को दिल से जिए और एक संतुष्ट इन्सान बनिए.
दोस्तों उसके बाद यह सब ज्ञान लेकर जुलियन अपने देश वापिस चला गया और अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ बाटता रहा. आज भी वो लोंगो के बिच ज्ञान की रोशनी को फैला कर योगी रमण जी से किये हुए वादे को पूरा कर रहा है.
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Conclusion of The Monk Who Sold His Ferrari Book Summary in Hindi
दोस्तों हम में से हर किसी के लिए एक सुख और संतोष से भरा जीवन व्यतीत करना संभव है, बस उसके लिए जरुरत है सिवाना के संतो द्वारा बताये हुए उन ७ सिधान्तो का पालन करने की जरुरत है. इन सिधान्तो को अपने जीवन में उतारकर हम नकारात्मक सोच से बाहर आ सक्कते है और अपना सारा ध्यान उन कामो पर लगा सकते है जिसके लिए हमारा जन्म हुआ है.
दोस्तों यह थी रोबिन शर्मा द्वारा लिखित किताब The Monk Who Sold His Ferrari Book Summary in Hindi आप सब को कैसी लगी हमें निचे कमेन्ट बॉक्स में कमेन्ट करके जरुर बताये. और अगर यह बुक समरी आपको पसंद आई होगी तो अपने दोस्तों के साथ इसे फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर अवश्य शेयर कीजिये.
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दोस्तों फिर मिलेंगे ऐसे ही एक लाइफ चेंजिंग बुक समरी के साथ तब तक केलिए आप सब जह भी रहिये खुश रहिये और खुशिया बाटते रहिये.
आपका बहुमूल्य समय हमें देने केलिए धन्यवाद…