दोस्तों अगर आप रतन टाटा की सफलता के 10 नियम जानना चाहते हैं, तो आप Ratan Tata 10 Rules of Success in Hindi आर्टिकल को जरूर पढ़िए।
नमस्कार दोस्तों आप सभी का नॉलेज ग्रो हिन्दी ब्लॉग पर स्वागत है। दोस्तो आज का यह आर्टिकल आप सभी के लिए बहुत ही स्पैशल और फायदेमंद साबित होने वाला है.
क्योंकि दोस्तो आज हम आपके साथ रतन टाटा के सफलता के 10 सुनहरे नियम शेयर करने वाले हैं। इसीलिए दोस्तो इस लाइफ चेंजिंग आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़िए।
रतन टाटा की सफलता के 10 नियम | Ratan Tata 10 Rules of Success in Hindi
दोस्तो हमारे भारत देश में शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होंगा जो रतन टाटा जी के बारे मै कुछ भी न जानता हो। आज Tata Company सफलता के जिन भी बुलंदियों को छू रहीं हैं, उस को इस उचाइयो तक पहुंचाने में रतन टाटा जी का बहुत ही अहम योगदान रहा है। और दोस्तो यही वजह है की उन्हें हमारे भारत देश के सबसे सफल और कामयाब इंसानों में भी शुमार किया जाता हैं।
आज हमारे भारत देश के लोग रतन टाटा जी को अपना आदर्श मानकर उनके नक्शे कदम पर चलने की कोशिश भी करते हैं। अब दोस्तो अगर आप भी रतन टाटा जी को फॉलो कर के सफलता हासिल करना चाहते हैं, तो इस रतन टाटा के सफलता के 10 सुनहरे नियम आर्टिकल आपके लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकता हैं।
क्योंकि आज की इस आर्टिकल जरिए हम आपके साथ रतन टाटा जी के सफलता से जुड़े हुए कुछ खास 10 सुनहरे नियमों के बारे में जानकारी शेयर करने वाले हैं। तो बिना समय को गवाएं चलिए जानते हैं, रतन टाटा की सफलता के 10 नियम हिंदी में।
नियम 1. सुबह जल्दी उठना
दोस्तो दुनिया के ज्यादातर सफल और कामयाब लोगों की तरह रतन टाटा जी भी उन लोगों में से एक है, जो रात में जल्दी सोते हैं और सुबह को जल्दी उठते हैं। और कुछ सोर्सेस भी यह बताते हैं की जब रतन टाटा जी अपनी टाटा कंपनी के चेयरमैन हुआ करते थे, तब उनकी महत्वपूर्ण मीटिंग को ज्यादा तर सुबह के 6 बजे ही रखते थे। क्योंकि उनका ऐसा मानना था की कोई भी महत्वपूर्ण काम को करने के लिए सुबह का टाइम ही सबसे अच्छा होता हैं।
दोस्तो अब आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं की रतन टाटा जी अपनी मीटिंग को सुबह के 6 बजे रखते थे, तो सुबह कितने बजे उठते होंगे? असल में सुबह जल्दी उठने से व्यक्ति ना सिर्फ तरोताजा महसूस करता है, बल्की इससे उसकी productivity भी काफी बढ जाती हैं। इसीलिए दुनिया के ज्यादातर सफल लोग सुबह जल्दी उठना पसंद करते है।
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नियम 2. भरोसा बनाना।
दोस्तो रतन टाटा जी एक ऐसे व्यक्ति है, जिनके लिए भरोसा सबसे महत्वपूर्ण चीज है। रतन टाटा जी के हिसाब से किसी भी Company के कामयाब होने केलिए उस कंपनी के पास उसके कर्मचारियों और शेयर होल्डर्स का विश्वास सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता हैं।
क्योंकि किसी भी कंपनियां या ब्रैंड की चीजे लोग तभी खरीदते हैं, जब उन्हें उस ब्रैंड पर भरोसा होता हैं। और भरोसा बनने में सालो का समय लग जाता है लेकिन उस भरोसे को खत्म होने में सिर्फ एक पल लगता है। और Tata Company की 150 सालो से टीकी हुई है, तो वो सिर्फ उसी वजह से जो लोग इस कम्पनी पर भरोसा करते हैं।
दोस्तो इस बात को रतन टाटा जी बहुत अच्छी तरह से जानते और समझते भी हैं। तब भी वो खुद भी किसी का भरोसा नहीं तोड़ते हैं और अपने द्वारा किए हुए हर एक वादे को निभाते भी हैं।
नियम 3. अपने कर्मचारियों से जुड़े रहना।
दोस्तो किसी भी कंपनी के कामयाब होने के लिए ये बहुत महत्वपूर्ण होता हैं की उस कंपनी के ओनर यानी की बॉस का अपने कर्मचारियों के साथ एक मजबूत और अच्छा रिलेशनशिप हो। और रतन टाटा जी इस बात को बहुत ही अच्छी तरह से समझते हैं, और यही वजह है की उनका अपने कर्मचारियों के साथ बहुत ही अच्छा रिलेशन रहा है।
टाटा जी ना सिर्फ अपने कर्मचारियों के परेशानियों को समझकर उनका हल निकालते थे, बल्की वो उनसे मिलने के लिए उनके घर पर भी जाया करते थे, और यही चीज उन्हें सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के सबसे महान और सफल लोगों में से एक बनाती हैं।
नियम 4. बड़ी सोच रखना।
दोस्तो एक इंटरव्यू में रतन टाटा जी से पूछा गया की अगर आपको BMW खरीदनी हो तो आपको कितना समय लगेगा? उसके बाद रतन टाटा जी ने कुछ समय सोचकर यह जवाब दिया की मुझे BMW खरीदने के लिए 5 साल लग जाएंगे? उसके बाद इंटरव्यू लेने वाला व्यक्ति और वहा पर मौजूद सभी लोग यह जवाब सुनकर हैरान रह गए।
और जब इस interview लेने वाले व्यक्ती से रहा नहीं गया तब उसने रतन टाटा जी से एक और प्रश्न पूछा की सर आपको BMW खरीदने के लिए इतना ज्यादा समय क्यों लगेगा? इस पर रतन टाटा जी बोले की BMW एक बहुत बड़ी कंपनी है और उसे खरीदने के लिए मुझे कम से कम 5 साल तो लग जाएंगे।
दोस्तो इंटरव्यू वाले ने रतन टाटा जी को BMW कार को खरीदने के बारे में कहा था और रतन टाटा जी BMW कंपनी को खरीदने के बारे में ही सोच रहे थे। हाला की यह बात उन्होंने मजाक में कही थी, लेकिन इससे पता चलता है की उनकी सोच कितनी बड़ी है और किस तरह से काम करती है।
उन्होंने हर चीज के बारे में हमेशा बड़ा ही सोचा है और ये भी उनके सफलता के मुख्य कारणों में से एक है। दोस्तो अगर आप बड़ा कैसे सोचे इस बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो आप नीचे दिया हुए आर्टिकल को इसके बाद में जरूर पढ़िए।
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नियम 5: दृढ़ रहना।
दोस्तो कारोबार चाहे जो भी हो उसमे आपको प्रॉफिट और लॉस ये दोनो ही होते रहते हैं। लेकिन अपने बिजनेस को बहुत बड़ा करने और अपनी जिंदगी में सफलता को हासिल करने के लिए यह बहुत आवश्यक होता हैं की अपने गोल यानी की अपने लक्ष्य को हासिल करने की तरफ हमेशा ही दृढ़ रहे।
क्योंकि दोस्तो मेहनत और लगन से काम करके ही अपने गलत डिसिजंस को भी सही बनाया जा सकता हैं। और यह गुण हमे रतन टाटा जी के अंदर बहुत ही ज्यादा देखने को मिलता है। इसी के बारे में रतन टाटा जी खुद कहते है की मैं सही निर्णय को लेने में विश्वास नहीं करता, बल्की में पहले निर्णय ले लेता हूं और बाद में अपनी हड़पार मेहनत से उस निर्णय को सही साबित करके दिखाता हूं।
दोस्तो गलत निर्णय तो हर एक इंसान ले लेता है। लेकिन इसमें महत्वपूर्ण यह होता हैं की आप अपने द्वारा लिए गए गलत निर्णय को सुधारने के लिए क्या करते हैं?
नियम 6. विनम्र स्वभाव को रखना।
दोस्तो किस भी व्यक्ति की अच्छा होने की सबसे बड़ी निशानी यह होती है की उस व्यक्ति का स्वभाव कितना विनम्र है। दरअसल हर इंसान के लिए यह बहुत आवश्यक होता हैं की अपनी जिंदगी में कामयाबी हासिल करने के साथ ही वो व्यक्ति अपने स्वभाव को भी विनम्र रखे और हमेशा ही जमीन से जुड़ा रहें।
क्योंकि जो लोग जरा सी भी सफलता मिलने पर हवा में उड़ने लगते है, उन लोगों को वापस नीच गिरने में ज्यादा समय नहीं लगता है। और जब हमारे देश मे हंबल लोगों की बात होती है, तब उस लिस्ट में रतन टाटा जी का नाम ही सबसे उपर आता है।
क्योंकि लाइफ में इतनी कामयाबी हासिल करने के बाद भी उन्होंने अपनी सिंपली सिटी को कभी खत्म नहीं होने दिया। और यह उनके व्यक्तित्व की सबसे बेहतरीन खूबियों में से एक है। वह हमेशा अपने पाव जमीन पर रखते हैं और खुद से भी पहले दूसरे लोगों की परेशानियों को हल करते रहते हैं।
दोस्तो धन संपत्ति का मनोविज्ञान किताब में भी यही बताया गया है की अगर आपको हमेशा के लिए सफल और कामयाब बने रहना है, तो आपको हंबल रहना होंगा।
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नियम 7. खुद पर विश्वास रखना।
दोस्तो कोई भी इंसान अपने जीवन में तभी सफल हो पाता है, जब उसको खुद पर और अपने द्वारा लिए गए निर्णयों पर विश्वास होता हैं। क्योंकि अगर किसी इंसान को अपने द्वारा लिए फैसलों पर ही विश्वास नहीं होंगा तो फिर वो कोई भी निर्णय सही से नही ले पाएगा। और हो सकता है कि दूसरे लोगों को आपके लिए डिसिजन समझ में नहीं आए।
लेकिन अगर आपको खुद पर पूरा भरोसा है, तो फिर आप उन लोगों को भी गलत साबित कर सकते हो। उदाहरण के लिए रतन टाटा जी ने भी अपनी जिंदगी में बहुत सारे ऐसे फैसले लिए हुए हैं, जिन्हे की दूसरे लोग बेवकूफी भरे निर्णय मानते थे, लेकिन रतन टाटा जी को खुद पर पूरा विश्वास था, और उन्होंने दूसरो की सोच की परवाह किए बिना खुद को जो ठीक लगा वही किया।
और फिर बाद में उसे ना सिर्फ अपने गलत फैसलों को सही साबित करके दिखाया, बल्की जो लोग उनके डिसिजंस को गलत बताते थे, उल्टा उन्हें ही गलत साबित करके दिखाया। और तभी तो कहते है, अगर कोई व्यक्ति को खुद पर यकीन हो तो वो अपनी लाइफ में कुछ भी हासिल कर सकता है।
नियम 8. सबको साथ लेकर चलना।
दोस्तो कहते है की लाइफ में वही व्यक्ति आगे बढ़ जाता हैं, जो सब को साथ में लेकर चलता है। क्योंकि एक अकेला इंसान सिर्फ कुछ हद तक आगे जा सकता हैं, और फिर उससे आगे जाने के लिए उसको दूसरे लोगो की हेल्प लेने ही पड़ती है। दुनिया का कोई इंसान अकेले के दम पर कुछ ज्यादा हासिल नही कर सकता हैं।
इसीलिए जो व्यक्ति दुसरो से सहायता लेना और सबके साथ चलना जानते है, वही लोग अक्सर कामयाबी कि बुलंदियों को छू पाते है। और इसके बारे में रतन जी खुद कहते है की अगर आप तेज चलना चाहते हैं, तो फिर आप अकेले चलो लेकिन अगर आप दूर तक चलना चाहते हैं, तो आपको सबको साथ में लेकर चलना चाहिए।
असल में रतन टाटा जी इस बात को बहुत अछी तरह से समझते हैं की वह अपने अकेले के दम पर सब कुछ तो नहीं कर सकते हैं, इसीलिए वे दूसरों से मदद लेने में बिलकुल भी संकोच नहीं करते है। और यह एक कामयाब और सफल लोगों की एक निशानी भी होती है।
नियम 9. हमेशा सीखते रहना।
दोस्तो एक सफल इंसान वही होता हैं, जो हमेशा अपनी गलतियों और अनुभव से कुछ ना कुछ सीखते रहता है और हमेशा सीखते रहने कि भूख का होना कामयाब और सफल लोगों की निशानियों में से एक मानी जाती हैं।
अब आप देख सकते है की दुनिया में जितने भी बिलिनियर्स मौजूद हैं, उन सभी में एक आदत होती है कि वे हमेशा कुछ न कुछ सीखते रहते हैं। ठीक उसी तरह से रतन टाटा जी को भी हमेशा कुछ न कुछ सीखते रहना पसंद है। आपको यह जानकर हैरानी होगी की रतन टाटा जी ने अपनी कंपनी में कैरियर की शुरवात एक वर्कर के रूप में ही की हुई थी।
क्योंकि किसी भी बड़े ओहदे पर बैठने से पहले वो अपने कारोबार को ग्राउंड लेवल से जानना चाहते थे। और इस बात से पता चलता है की वे चीजों को सीखने और समझने को कितना महत्व देते हैं।
नियम 10 : रिस्क लेना।
दोस्तो व्यापार का यह नियम होता हैं की जो इंसान रिस्क लेने की हिम्मत रखता है, वही अपनी लाइफ कुछ बड़ा कर पाता है। और जिन लोगो में रिस्क लेने की हिम्मत नहीं होती है, वे लोग पूरी जिंदगी सिर्फ एक लेवल तक ही सीमित होकर रह जाते है। अगर रतन टाटा जी की बात करे तो वो रिस्क लेने से बिलकुल भी नहीं घबराते है।
उन्होंने अपनी लाइफ में बहुत बार और बहुत बड़े बड़े रिस्क लिए हुए है, यहां तक की कई बार तो उन्होंने अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया था। लेकिन ये उनके बड़े बड़े रिस्क लेने का ही नतीजा है की आज वो भारत के सबसे सफल और कामयाब लोगों में शुमार किया जाता हैं। इसीलिए किसी भी इंसान के सफल होने के लिए रिस्क लेने का दमखम होना बहुत ही ज्यादा आवश्यक है।
Conclusion of Ratan Tata 10 Rules of Success in Hindi
दोस्तो यह थे वो रतन टाटा की सफलता के 10 नियम आप सभी को कैसे लगे हमे नीचे कमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके ज़रूर बताएं और आपको हमारे द्वारा लिखा हुआ Ratan Tata 10 Rules of Success in Hindi आर्टिकल पसंद आया होगा तो, अपने दोस्तों के साथ इसे अवश्य शेयर कीजिए।
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दोस्तो आज के इस रतन टाटा की सफलता के 10 नियम आर्टिकल में सिर्फ इतना ही, दोस्तों फिर मिलेंगे ऐसे ही एक इंट्रेस्टिंग आर्टिकल के साथ तब तक के लिए आप जहा भी रहिए खुश रहिए और खुशियां बांटते हैं।
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए धन्यवाद।