Top 5 Heart Touching Story on Friendship in Hindi | Friendship Story in Hindi With Moral
नमस्कार साथियों आप सभी का नॉलेज ग्रो हिन्दी ब्लॉग पर स्वागत है, दोस्तो आज का यह आर्टिकल आप सभी के लिए बहुत ही स्पेशल और शानदार होने वाला है। क्योंकि दोस्तो आज में इस आर्टिकल के माध्यम से आपके साथ Top 5 Heart Touching Story on Friendship in Hindi में शेयर करने वाला हू। इसीलिए इस आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़िए।
दोस्तों अगर आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ते हैं, तो आपको समझ आएगा की हमारा सच्चा दोस्त कौन है? और सच्ची दोस्ती किसे कहते हैं? बिना समय को गवाएं चलिए शुरू करते हैं।
Top 5 Heart Touching Story on Friendship in Hindi With Moral
दोस्तो लाखों लोग है इस दुनिया में फिर भी इंसान इतना तनहा क्यों है? कितने रिश्ते हमने अपने लाइफ में बनाए फिर भी हम अकेले क्यों है ? अपने अकेलेपन को दूर करने केलिए सारी जिंदगीभर कितने लोगों से मिले, कितने लोगों से रिश्ते बने और कितने लोगों से रिश्ते टूटे और फिर भी हमारा दिल खाली है। दोस्तो हर इंसान को यह शिकायत रहती है कि ऐसा कौन है जिसे हम अपना कहे?
पहली कहानी – Best Story on Friendship in Hindi
दोस्तो एक पिता और पुत्र थे, पुत्र का मानना था कि हमारे लाइफ में जीतने ज्यादा मित्र हो उतना ही अच्छा है। जीतने ज्यादा कॉन्टैक्ट हो उतना काम अच्छे से होता है और उतना ही वो हमे हेल्प करते हैं। लेकिन उसके पिता का यह मानना था कि चाहे बहुत ज्यादा मित्र नहीं हो पर बहुत अच्छे मित्र हो, चाहे एक ही मित्र क्यों न हो पर वो हमारे सारे सुख दुख में हमारा साथ दे।
पुत्र इस बात को नहीं मानता था और वो केहता था कि अगर हमारे इतने कम मित्र रहेंगे तो हमारे काम कैसे होंगे और हम जीवन मै कैसे चल पाएंगे। तब उसके पिता ने कहा कि चलो आज एक परीक्षा करते हैं कि, आज रात को हम घर से बाहर निकलते है और तुम मुझे अपने मित्रो के पास ले चलो, देखते है कि कौन कैसी सहायता करते हैं ?
और पिता ने कहा कि मेरा सिर्फ एक ही मित्र हैं मै तुम्हे उसके पास ले चलता हूं और तुम मुझे अपने मित्रो के पास ले चलो। तब पुत्र ने कहा कि चलो इसमें क्या बड़ी बात है, मेरे सभी दोस्त मेरी सहायता करेंगे। उसके बाद रात को पिता और पुत्र दोनों ही घर से बाहर निकलते है।
उसका पुत्र सबसे पहले अपने पहले मित्र के पास आया और दरवाजे पर दस्तक दी और आधी रात का समय था। पुत्र ने आवाज लगाई और कहा कि क्या तुम अन्दर हों? मुझे तुम्हारी सहायता चाहिए. तब उसके घर के अंदर से आवाज आई कि वो अब सोने जा रहा है और तुम कल आना। तब पुत्र ने कहा कि नहीं मुझे बहुत ही जरूरी काम है ?
दोस्तो इतने मे ही उसके मित्र कि भी आवाज आई कि अभी मैं तुम्हारी कोई भी सहायता नहीं कर सकता, तुम कल मेरे घर आना! पुत्र के दिल को बहुत ही ज्यादा दुःख पहुचा, क्यूंकि वो उसका सबसे खास दोस्त था। ऐसे ही वो अपने सभी मित्रो के घर चला गया, लेकिन सबने कोई ना कोई बहाना बना दिया। जैसे की वो घर मै नहीं है या बीमार हैं और किसी ने भी उसके लिए दरवाजा नहीं खोला।
अब उसके पिता ने कहा कि मेरा सिर्फ एक ही मित्र हैं, चलो उसके पास चलते हैं। पिता ने अपने मित्र के घर दस्तक दी और जैसे ही उसके मित्र को आवाज लगाई तो अन्दर से उनका मित्र दरवाजा खोलकर एक हाथ में पैसो कि थैली और एक हाथ में लाठी लेकर बाहर आ गया।
तब उसके पुत्र ने पूछा कि अरे भाई हमने तो अभी तक कुछ बोला भी नहीं है। और आप एक हाथ मै पैसों कि थैली और एक हाथ मै लाठी लेकर बाहर आए हैं, ऐसी क्या बात है। तब उसके पिता के मित्र ने कहा कि आधी रात को कोई इंसान किसी के घर में आपत्ति काल में ही जाता हैं।
अगर आपका किसी से झगडा हुआ है या कोई मुसीबत आयी है, या कोई आपको सता रहा है, तो मै तुम्हारे पिता के साथ लड़ने के लिए तैयार हूं। या अगर कोई बीमार है या कोई इमर्जेंसी है तो मै ये पैसे लेकर आया हूं जिससे मै उनकी सहायता कर सकू।
दोस्तो इसके बाद पुत्र के पिता ने पुत्र से कहा कि हजार झुटे रिश्तों के बजाय एक सच्चा रिश्ता बहुत ज्यादा मायने रखता है। दोस्तो हमारा मित्र ऐसा हो जिससे हम दिल कि हर बात बता पाए बिना घबराए बिना सोचे, जिससे कुछ छुपाना ही न पड़े।
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Short Story on Friendship in Hindi – सच्ची दोस्ती पर कहानी
दोस्तो दो मित्रो का आपस में बहुत घनिष्ट सम्बन्ध था। एक बार एक मित्र को कुछ रुपयों कि आवश्यकता पड़ती है, तो वह अपने घनिष्ट मित्र के घर गया और तब उसका मित्र कहीं बाहर गया हुआ था। तो उसने उस मित्र के पत्नी से पूछा कि मुझे कुछ रुपयों कि आवश्यकता है? तब उसकी पत्नी ने कहा कि ये लीजिए तिजोरी कि चाबी और आप पैसे निकालकर ले जाइए, और वह मित्र कुछ पैसे निकालकर वहां से चला जाता है।
जब वो दूसरे दिन अपने मित्र से मिला तो उसने उसको बताया कि मैंने कल तेरे घर से कुछ पैसे लिए है, मैंने तेरे पत्नी को बताया और पैसे लेकर वहां से चला आया। यह सुनकर उसका मित्र रोने लगा, उस मित्र को बड़ा आश्चर्य हुआ कि अरे भाई क्यों रोते हो, मै तेरे पैसे लौटा दूंगा ना…
तब उसके मित्र ने कहा कि, इसीलिए नहीं रो रहा हूं कि तूने पैसे ले लिए, बस इसीलिए रो रहा हू क्योंकि बस तेरा इतना विश्वास है मुझ पर कि तुझे पूछना पड़ा, कि तुझे बताना पड़ा कि पैसे ले जाऊं… भाई हम शरीर से दो मित्र है लेकिन हमारी जान एक हैं। तुझे जरूरत क्या है बताने कि, तुझे मुझपर भरोसा नहीं है…
दोस्तो मित्र हो तो ऐसा, मित्र हो तो श्री कृष्ण और सुदामा कि जैसा, दोस्तों एक और प्यारी फ्रेंडशिप स्टोरी है, जो आपको जरूर पढ़नी चाहिए।
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Emotional Story on Friendship in Hindi
दोस्तो भगवान श्री कृष्ण और सुदामा एक बार जंगल में कुछ फल तोड़ने के लिए गए थे। भगवान श्री कृष्ण जी बोले कि में पेड़ पर चढ़ जाता हूं और में फल तोड़कर नीचे फेंकता हूं और तुम उन्हें पकड़ लेना और बाद में हम साथ में खाएंगे।
उसके बाद भगवान श्री कृष्ण जी ने एक फल को तोड़कर नीचे फैंका और अपने मित्र सुदामा से कहा कि इसे खाकर इसकी जाच करलो कि ये सही है या नहीं? तब उसके बाद सुदामा ने फल खाना शुरू किया और सुदामा ने कहा कि अरे कृष्ण फल तो बहुत मीठा है और उस फल को पूरा खा गया।
दोस्तो उस पेड़ पे कुल चार फल थे। सुदामा पहला खा गया, दूसरा भी खा गया और तीसरा भी खा गया। जब श्री कृष्ण ने यह देखा कि सुदामा तो सारे फल खाते ही जा रहा है और सिर्फ आखरी फल ही बचा हुआ है, तब श्री कृष्ण जी बोले कि अरे सुदामा तुझे इतनी क्या बुख लगी है कि तू थोड़ा इतज़ार नहीं कर रहा, और मेरे लिए एक भी फल नहीं बचाया।
उसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने जो आखरी फल बचा था उसको उठाया और उस फल को थोडासा खाया, तो फल इतना कड़वा था जैसे कि कोई जेहर हो। और तब भगवान श्री कृष्ण ने बोला कि अरे सुदामा तूने बताया नहीं कि इतना कड़वा फल है और तू खाता गया।
तब उसके बाद सुदामा बोला की जैसे ही मैंने वो फल खाया तो मुझे पता चल गया कि ये फल बहुत ही कड़वा है। पर हे कृष्ण मै यह नहीं चाहता था कि इतने कड़वे फल को तुम खावो। इसीलिए मैंने सोचा कि ये सारे फल मै खा लूंगा तो तुम्हे इस कड़वाहट का सामना ही नहीं करना पड़ेगा। मित्रता हो तो ऐसी, हम हजार दोस्त बना लेते हैं पर मौका आते ही कहा जाते हैं सब।
जब हम सबसे ज्यादा तकलीफ और दर्द मै होते हैं, तब हमारे पास कोई क्यों नहीं होता। तकलीफ दूर करना तो दूर कि बात, कोई हमारे दर्द को समझता भी नहीं है। दोस्तो में आपके लिए एक और सच्चे दोस्त की कहानी लेकर आया हूं, जो आपको मित्रता के बारे मै बहुत कुछ सिखाएगी।
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Motivational Story on True Friendship in Hindi
दोस्तो एक बार दो मित्र जंगल से जा रहे थे और रात का समय था। तब दोनों मित्रो ने सोचा कि आगे भयानक जंगल है और आगे यात्रा नहीं कर पाएंगे। तो ऐसा करते है कि एक एक करके थोड़ी थोड़ी देर सोते हैं।
पहले एक मित्र सोया और आधी रात को दूसरा मित्र सोया और पहला उठ गया। दोस्तो जब दूसरा मित्र सो रहा था तब इतने मै वहां पर एक साप आया और जो मित्र जाग रहा था उसने उसे देख लिया। उसने उस सर्प से बोला कि तुम यहां क्यों आए हो?
तब वो सर्प बोला कि तेरा यह मित्र मेरे पिछले जन्म का वैरी है और जब तक मैं इसका खून नहीं पीऊंगा तब तक मेरा प्रतिशोध शांत नहीं होंगा और मुझे मुक्ति नहीं मिलेगी। इसको में डस के इसका खून पिके तभी मै यहां से चला जाऊंगा। तब उसके मित्र ने कहा कि तुझे मेरे मित्र का खून ही चाहिए ना अगर में तुझे इसका खून पिलादू तू यहां से चला जायेगा ना?
तब सर्प ने कहा कि हां, तब में चला जाऊंगा। अब जो मित्र जाग रहा था वो अपने मित्र जो सो रहा था उसके छाती पर हात में चाकू लेके बैठ गया, जैसे ही उसका मित्र उसके छाती पर हात में चाकू लेकर बैठ गया, तब सोते हुए मित्र कि आंख खुल गई और तब उसने देखा कि मेरा मित्र मेरे छाती के उपर बैठा हुआ है और उसके हात मै चाकू भी है।
ये देखकर वो फिरसे सो गया और उसके बाद उस दूसरे मित्र ने अपने सोते हुए मित्र के सीने पे हलका सा चाकू चलाया और उसके सीने से थोड़ा सा खून निकाला और सर्प को पिलाया और उस सर्प को वहा से भगा दिया। दूसरे दिन वो दोनो जंगल से चले गए। नाही उस मित्र ने पूछा और नाही ही उस मित्र ने बताया।
पर इस मित्र को बड़ा आश्चर्य हुआ कि मै इसके उपर चाकू लेकर बैठा था और ये बेपरवाह होकर सोता रहा। इसे कोई चिंता ही नही थी, फिर बाद मै इसी मित्र ने कहा कि मै आधी रात को तुम्हारे उपर चाकू लेकर बैठा था? तब दूसरे मित्र ने कहा कि… हां , तब इस मित्र ने बोला कि तुम कुछ बोले क्यों नहीं? तुम्हे डर नहीं लगा कि मै तुम्हारी जान ले लूंगा।
तब दूसरे मित्र ने बोला कि… मुझे तुम पर इतना विश्वास है कि तुम अगर मेरी जान भी ले लोगे ना तो उसमे भी मेरी भलाई होंगी। तुम सपने में भी मेरा बुरा नहीं सोच सकते। दोस्तो मैं आपको एक और कहानी बताना चाहता हूं, जो आपको जरूर पढ़नी चाहिए।
Moral Stories on Friendship in Hindi – Friendship Moral Stories in Hindi
दोस्तो एक पुरानी कहानी के अनुसार एक दिन एक व्यक्ति को अस्पताल में किसी गंभीर बीमारी के साथ लाया गया, जहा एक और मरीज खिड़की के पास की बेड पर आराम कर रहा था। धीरे धीरे उन दोनो में दोस्ती हो गई और खिड़की के पास वाला रोगी रोज खिड़की से बाहर देखता और उसके बाद कुछ घंटे बाहर देखता और उसके बाद कुछ घंटे वह अपने बीमार दोस्त को बाहर की दुनिया की व्याख्या करते हुए बिताता।
किसी दिन वह अस्पताल के दूसरी तरफ के बगीचे में लगे हुए वृक्षों के हवा के झौको के साथ झूमने की सुंदरता के बारे में उसे बताता। किसी और दिन वह अपने दोस्त का मनोरंजन उन लोगों की एक एक बात बताकर करता जो अस्पताल के सामने से निकल रहे होते थे।
जैसे जैसे समय बीतता गया और वह रोगी जो बिस्तर से बिलकुल उठ नही पा रहा था वह अपने दोस्त के द्वारा बतलाए जाने वाले अद्भुत दृशो को न देख पाने की असमर्थता से विचलित हो उठा। परिणाम स्वरूप वह रोगी अपने दोस्त को नापसंद करने लगा और धीरे धीरे उसकी नफरत तीव्र घृणा में बदल गई।
एक रात खिड़की के पास वाले मरीज को खांसी का दौरा पड़ा और उसने सांस लेना बंद कर दिया। सहायता लेने के लिए बटन दबाने के बजाय दूसरा मरीज यानी की उसका दोस्त जो उससे नफरत करने लगा था, वो सिर्फ अपने बेड पर पड़ा रहा। दूसरी सुबह जब वह रोगी जिसने अपने मित्र को खिड़की से झांकते हुए दृश्यों का ब्यौरा देकर बहुत सी खुशी दी थी , उसको मृत घोषित कर दिया गया और अस्पताल के उस कमरे से बाहर भेज दिया गया।
उसके दोस्त ने जल्द ही अपना बिस्तर खिड़की के पास लगाने का निवेदन किया, जिस पर अस्पताल की सेविकाओ ने तुरंत अमल किया। परंतु जैसे ही उसने खिड़की के बाहर के दृश्यों को देखा, बाहर के दृश्य ने उसे हिलाकर रख दिया, क्यूंकि खिड़की के सामने ईटो की बनी हुई ठोस दीवार थी।
उसके मृत मित्र ने उसके मुश्किल समय को थोड़ा खुशहाल बनाने के लिए काल्पनिक दृश्यों का एक जाल बुना हुआ था जो की उसके दयालु स्वभाव को दर्शाता है। उसका यह आचरण स्वार्थहीन प्रेम का सबूत है।
दोस्तो इस कहानी के बारे में जितनी बार में सोचता हूं, मेरे अपने दृष्टिकोण को एक नई दिशा में ले जाती है। अधिक परिपूर्ण और प्रसन्न जीवन जीने के लिए हमे मुश्किल परिस्थिति में अपने दृष्टिकोण को लगातार परिवर्तित करने की कोशिश करनी चाहिए।
दोस्तो अब जानते हैं की हमारा सच्चा दोस्त कौन है?
हमारा सच्चा दोस्त कौन है? | Hamara Saccha Dost Kaun hai?
दोस्तो वास्तविकता में हमारे संतो ने हमारा सच्चा दोस्त परमात्मा को कहा है। पर जब सब कुछ अच्छा अच्छा होता है ना, तब लगता है कि भगवान है और जैसे ही हमारे साथ कुछ बुरा होता है या कठिन समय और दुख आता है, तो लोग केहते है कि मुझे भगवान पर भी विश्वास नहीं है।
भगवान मेरे साथ हमेशा ग़लत करते हैं। जब कोई संकट या दुख कि घड़ी भी आए ना तब इन सभी कहानियों को याद रखना कि कोई पहाड़ जैसा दुख भगवान ने इस छोटे दुख के रूप मै काट दिया। दोस्तो हमारा मन बहुत कमजोर है और हमारा विश्वास और प्रेम बहुत ही जल्दी टूट जाता है।
दोस्तो इसीलिए हमे उस स्तर का प्रेम और विश्वास प्राप्त नहीं होता, क्युकी हमारे दिल में अभी भी उस अतूट विश्वास ने जन्म नहीं लिया है। दोस्तो जिनका भी परमात्मा पर पूर्ण भरोसा है, वो एक एकेले ही काफी है हजार मित्रो के और हजार लोगों के तुलना में।
जैसे महाभारत के उद्ध के समय श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि अर्जुन तुमने उद्ध के लिए मुझे ही क्यों चुना। तुम्हारे पास दोनों विकल्प थे। तू चाहता तो तू मेरी नारायणी सेना को भी चुन सकता था, वो अजय कभी परास्थ नहीं होती और एक तरफ मै एकेला निहत्ता…
तब अर्जुन ने कहा कि प्रभु आपके आगे ऐसी हजारों नारायणी सेना भी कुछ नहीं। अगर आप मेरे साथ है तो दुनिया कि कोई ताकत नहीं जो मुझे हरा सके और आपके भरोसे ही मैंने ये उद्ध लढने कि सोची है।
दोस्तो यदि अगर हमारे मन मै भी ऐसा विश्वास और भरोसा आ जाए कि परमात्मा हमारे साथ है, तो दुनिया कि कोई ताकत हमे हरा नहीं सकती। तो हम स्वयम को हमेशा आनंदित महसूस करेंगे और तब हमे कभी भी नहीं लगेगा की अब हम अकेले है क्यूकी वो परमात्मा हमेशा हमारे साथ है…
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Conclusion of Top 5 Heart Touching Story on Friendship in Hindi
दोस्तो इस आर्टिकल मै बताए हुई सभी कहानियो को अगर आपने ध्यान से पढ़ा होगा, तो आपको समझ आया होंगा कि हमारा सच्चा दोस्त कौन है? अगर आपको Top 5 Heart Touching Story on Friendship in Hindi आर्टिकल पसंद आया होंगा तो इस आर्टिकल को अपने दोस्तो के साथ शोशल मीडिया पर जरूर शेयर कीजिए।
धन्यवाद आपका दिन शुभ हो…