सफलता क्या है और जीवन में सफलता कैसे प्राप्त करें?, सफलता का रहस्य क्या है?, What is Success in Hindi, सफलता का अर्थ क्या है?
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आप सभी का हमारे नॉलेज ग्रो मोटिवेशनल ब्लॉग पर, दोस्तो अगर आप सफलता क्या है, सफलता की परिभाषा क्या है, सफलता का मतलब क्या है और सफलता के सुनहरे नियम क्या है? इस बारे में जानकारी जानना चाहते है? तो आप सही जगह पर आये हुए है.
दोस्तों अगर आप इस आर्टिकल को अंत तक ध्यान से पढ़ते है, तो आपको इस आर्टिकल से कुछ ऐसा सिखने को मिलने वाला है, जो आपको आपकी life में बहुत काम आने वाला है। इसलिए इस आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़िए।
सफलता क्या है और जीवन में सफलता कैसे प्राप्त करें?
दोस्तो ऐसा क्यों होता है की कोई इंसान अपनी सफलताओं की कहानियां लगातार लिखता जाता है, जब की दूसरे लोग तैयारी करते रह जाते हैं? और ऐसा क्यों होता है की कोई इंसान एक के बाद दूसरी रुकावटों को पार करता हुआ अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है, जब की दूसरे लोग संघर्ष ही करते रह जाते है और कही नही पहुंच पाते?
दोस्तो क्या आप भी इन दोनों सवालों के जवाब जानना चाहते हैं, तो आप इस सफलता क्या है और जीवन में सफलता कैसे प्राप्त करें? सेल्फ हेल्प & मोटिवेशनल आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़िए। तो बिना समय को गवाएं चलिए शुरू करते हैं।
सफलता क्या है – What is Success in Hindi
दोस्तो एक महान इंसान ने सच्ची सफलता क्या है यह हमे एक छोटी सी कविता के जरिए समझाने की कोशिश की हुई है, जो बहुत ही प्रेरणादायक है। 👇👇👇
“सदा मुस्कुराना और सबको प्यार करना
गुनी जनों का सम्मान पाना और बच्चो के दिल में रहना। सच्चे आलोचकों से स्वीकृति पाना और झूठे दोस्तो की दगाबाजी को सहना।”
“किसी के उम्मीद के बिना दूसरो के लिए खुद को अर्पित करना और इस बात का अहसास की आपकी जिंदगी ने किसी एक व्यक्ति का जीवन आसान बनाया यही सच्ची सफलता है।”
सफलता का रहस्य क्या है? – What is Success Secret in Hindi
दोस्तो सफलता और असफलता के बारे में काफी शोध किया गया है, और अगर आप सचमुच सफलता का रहस्य जानना चाहते हैं? तो में आपको एक सच्ची कहानी को बताकर यह समझाने की कोशिश करूंगा की सफलता का रहस्य क्या है?
दोस्तो एक बार एक नौजवान लड़का सुकरात जी के पास आता है और उनसे पूछता है की सुकरात जी सफलता का रहस्य क्या है? क्या आप मुझे बता सकते हैं? तो उस पर सुकरात जी कहते की तुम मुझे कल नदी किनारे मिलने आओ।
दूसरे दिन वह नौजवान लड़का सुकरात जी से मिलने के लिए नदी किनारे पहुंचा, तो उन्होंने उसे नदी की ओर चलने के लिए कहा। जब पानी उनकी गर्दन तक पहुंच गया, तो सुकरात जी ने अचानक उस नौजवान का सिर पानी में डूबो दिया।
फिर वह नौजवान लड़का पानी से बाहर निकलने के लिए छटपटाने लगा, पर सुकरात जी काफी मजबूत थे और उन्होंने उस युवक के सिर को पानी में तब तक डुबोए रखा, जब तक की उसका शरीर नीला न पड़ने लगा। उसके बाद सुकरात जी ने उसका सिर पानी से बाहर निकाला।
उस नौजवान लड़के का सिर पानी से बाहर निकलते ही उस लड़के ने सबसे पहले एक गहरी सांस ली। फिर सुकरात ने उस लड़के से पूछा की “ जब तुम पानी के अंदर थे, तो तुम्हे किस चीज की सबसे ज्यादा आवश्यकता हो रही थी?” उस लड़के ने जवाब दिया की, “हवा की।”
फिर सुकरात ने उस नौजवान लड़के से कहा की “ जब तुम्हे सफलता प्राप्त करने कि त्तीव्र इच्छा होंगी, जैसी कि पानी के अंदर हवा के लिए हो रही थी, तब तुम्हे सफलता अवश्य मिल जायेगी” और यही सफलता का रहस्य है।
दोस्तों में आपको बताना चाहूंगा कि सफल लोग चाहे जिस दौर में पैदा हुए हो और चाहे जिस दौर में सक्रिय रहे हो, उनमें कुछ खासियते समान रूप से पाई जाती हैं। और सफलता अपने निशान छोड़ जाती है।
यदि हम सफल लोगो के गुणों को पहचान कर उन्हे अपनाले, तो हम भी सफल और कामयाब हो जायेगे। इसी तरह असफल लोगो में भी कुछ समानताएं होती हैं, यदि हम उनमें पाई जाने वाली कमियो को खुद से दूर रखे, तो हम असफल नही होंगे।
सफलता का कोई भी रहस्य नही है, बल्कि यह केवल कुछ बुनियादी उसूलों को लगातार अमल में लाने का नतीजा होता है। ठीक इसी तरह असफलता का भी कोई रहस्य नही है, बल्कि कुछ गलतियों को लगातार दुहराने का नतीजा होता है।
दोस्तो यह बात आपको काफी सरल लगती होंगी, लेकिन हकीकत यही है की ज्यादातर सच बड़े सरल होते हैं। में यह नहीं कह रहा हू की वे आसान होते है, लेकिन यह सच है की वे सरल होते हैं।
सफलता का मूलमंत्र क्या है?
दोस्तो अगर आप सफलता का मूलमंत्र क्या है यह जानना चाहते हैं? तो एक महान इंसान ने सफलता का मूल मंत्र को एक ही लाइन में दोहराया हुआ है और वो है 👇👇👇
“अगर आप सचमुच सफल होना चाहते हैं, तो उन कामों को करने की आदत डालिए, जिन्हे असफल लोग नही करना चाहते हैं”
सफलता की परिभाषा क्या है? – Definition of Success in Hindi
दोस्तो सफलता की परिभाषा एक इंसान के लिए दौलत हो सकती है, दूसरे इंसान के लिए शोहरत हो सकती है, तीसरे के लिए सेहत हो सकती है और चौथे के लिए सफलता की परिभाषा पारिवारिक खुशी, आत्मसंतुष्टि और मन की शांति हो सकती है।
इसका मतलब यह हुआ की सफलता एक निजी अहसास है और अलग अलग लोगो के लिए इसका अलग अलग मतलब होता है। महान इंसान अर्ल नाइटी गैल जी ने सफलता की परिभाषा एक वाख्या में बहुत ही अच्छी तरीके से कि हुई है और वो है 👇👇
“मूल्यवान लक्ष्य की लगातार प्राप्ति का नाम ही सफलता है ”
दोस्तो आइए इसे में आपको आसान भाषा में समझाने की कोशिश करता हूं।
निरंतर :
दोस्तो निरंतर का मतलब यह है की सफलता लक्ष्य नहीं, बल्कि एक सफर है। हम इस सफर में लक्ष्य पर कभी नही पहुंचते हैं, बल्कि एक लक्ष्य पर पहुंचने के बाद हमारा सफर दूसरे लक्ष्य के लिए शुरू हो जाती हैं, और यह सिलसिला जारी रहता है।
अनुभूति :
दोस्तो अनुभूति का मतलब अनुभव करना है। हमे सफलता का अहसास बाहरी चीजों की वजह से नही होता, बल्कि हम इसे अपने भीतर महसूस करते हैं। यह कोई बाहरी नही है, बल्कि अंदुरूनी चीज है। इसीलिए कई बार कोई चीज बाहर से सफलता लग सकती हैं, पर वह हमे अंदर से बिलकुल खोखली लगती हैं।
सार्थकता :
दोस्तो सार्थकता का संबंध हमारी मूल्य प्रणाली से है, और मूल्यरहित लक्ष्य सार्थक नही हो सकते। सार्थकता से हमारे सफर का स्तर, यानी की उसकी गुणवत्ता तय होती है। और इसी से हमारे सफर को एक अर्थ और हमे आत्मसंतुष्टि मिलती है।
सफलता की कुंजी क्या है?
लक्ष्य महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनके कारण हमे अपनी दिशा का अहसास होता है। जो सफलता आत्मसंतुष्टि न दे, वह खोखली होती है। दोस्तो बिल कॉस्बी जी ने कहा है की मुझे नही मालूम की सफलता की कुंजी क्या है, पर हर आदमी को खुश करने की कोशिश करना ही नाकामयाबी की कुंजी है।
- जरुर पढ़े: बुद्ध से जाने सफलता की कुंजी क्या है?
- जरुर पढ़िए: सफल जीवन के १०० नियम
सफलता का अर्थ क्या है – Success Meaning in Hindi
दोस्तो सफलता का अर्थ यह नहीं है की हर इंसान आपको कबूल और पसंद करे, बल्कि सफलता का मतलब यह है की हम जो चाहे उसे पाले, और सफलता का मतलब अपने को कायम रखना भर नही है, बल्कि इसका अर्थ उससे ज्यादा व्यापक है।
- सिर्फ जिंदगी न गुजारों नही बल्कि जिओ।
- सिर्फ छुओ नही बल्कि मेहसूस करों।
- सिर्फ देखो नही बल्कि गौर करों।
- सिर्फ पढ़ो नही बल्कि अपने जीवन में उतारो
- सिर्फ सुनों नही बल्कि ध्यान से सुनें।
- सिर्फ ध्यान से नही सुनो बल्कि उसे समझो।
सफलता प्राप्त करने में आनेवाली बाधाएं (असफलता के क्या कारण है?)
दोस्तो मैंने यहां पर सफलता की राह में आने वाली कुछ बाधाओं को नीचे दिया हुआ है, जो आपको सफलता की प्राप्ति में आपको जरूर मदद करेगी। 👇👇👇
- असफल होने का डर
- अहंकार
- कोई योजना न होना।
- कोई निश्चित लक्ष्य न होना।
- जिंदगी में आने वाले उतार चढ़ाव
- पैसों की लालच में दूर की न सोचना
- एकाग्रता की कमी और भ्रमित होना।
- प्राथमिकताएं न तय कर पाना।
- पारिवारिक जिम्मेदारियां
- टालमटोल की आदत
- सारा बोझ खुद उठाना
- दृढ़ता की कमी होना।
सफलता के लिए आवश्यक गुण क्या है?
दोस्तो मैंने नीचे सफलता के लिए आवश्यक 10 गुण बताए हुए है, जो मैंने सफलता के ऊपर लिखी हुई सबसे फेमस किताब Jeet Aapki Book से लिया हुआ हु, जो आपको सफलता प्राप्त करने में बहुत उपयोगी साबित हो सकते हैं।
1. इच्छा का होना
दोस्तो सफल होने के लिए इच्छा (Desire) का होना बहुत जरूरी है, और सफल होने की प्रेरणा किसी मकसद को हासिल करने की गहरी इच्छा से ही जन्म लेती है।
Think and Grow Rich Book के लेखक नेपोलियन हिल जी ने अपनी बुक में लिखा है की इंसान का दिमाग जिन चीजों को सोच सकता है, या जिन चीजों पर यकीन कर सकता है, उन्हे वो हासिल कर सकता है।
दोस्तों इच्छा हर उपलब्धि की शुरुआती बिंदु होती हैं। जिस तरह आग की छोटी लपटे अधिक गर्मी नही दे सकती है, ठीक वैसे ही कमजोर इच्छा बड़े नतीजे नही दे सकती है।
दोस्तो इसीलिए सफलता को प्राप्त करने के लिए गहरी इच्छा का होना बहुत जरूरी है, और यह मैने पहले ही सुकरात और उनके शिष्य की कहानी के द्वारा आपको समझाने की कोशिश की हुई है।
2. जीत के लिए वचनबद्धता जरूरी है
दोस्तो जीत के लिए खेलने और हार से बचने के लिए खेलने में बहुत बड़ा फर्क होता है। जब हम जितने के लिए खेलते हैं, तब पूरे उत्साह और वचनबद्धता के साथ खेलते हैं, लेकिन जब हम न हारने के लिए खेलते हैं, तो हमारे खेल में कमजोरी होती है।
जब हम हार से बचने के लिए खेलते हैं, तो दरअसल हम नाकामयाबी को टालने के लिए खेलते हैं। हम सभी जितना चाहते हैं, लेकिन जीत की तैयारी की कीमत चुकाने के लिए बहुत कम लोग तैयार होते हैं। विजेता जितने के लिए वचनबद्ध होते हैं, और खुद को उसी मुताबिक ढाल लेते हैं।
दोस्ती जीत के लिए खेलने के पीछे कोई प्रेरणा होती हैं, जब की हार से बचने के लिए खेलने का कारण हताशा होती हैं। हमे आदर्श परिस्तितीयां कभी भी नही मिलती है, और वैसी परिस्तितीयां कभी बनेगी भी नहीं। आप लक्ष्य तक न तो किनारे खड़े रह कर पहुंच सकते हैं और ना ही धारा के साथ बह कर पहुंच सकते हैं।
“इसीलिए आपको कभी भी हवा के साथ, तो कभी हवा के विपरीत नाव खेनी होंगी, और उसे लगातार खेते रहना होंगा।”
कुछ लोग कभी कोशिश ही नहीं करते क्योंकि उन्हें हारने का डर होता है। वे जहाँ हैं, वहाँ पर रुकना भी नहीं चाहते, क्योंकि उन्हें पिछड़ जाने का डर होता है। ख़तरा दोनों तरफ रहता है। समुद्र में चलने वाले जहाजों पर में फँसने का ख़तरा मँडराता है। लेकिन वे बंदरगाह पर ही खड़े रहे तो उनमें जंग लग जाएगा।
उन्हें इसलिए तो बनाया नहीं जाता कि खड़े – खड़े उनमें जंग लग जाए। जौत के लिए खेलने और हार से बचने के लिए खेलने में यह फर्क होता है कि हार से बचने के लिए खेलने वाले में न तो जीतने का संकल्प होता है और न ही ख़तरा उठाने की चाह होती हैं।
जीत के लिए खेलने वाले दबावों के बीच और निखरते हैं, जब कि हार से बचने के लिए खेलने वालों को मालूम ही नहीं होता कि सफलता कैसे हासिल की जाए। जीत के लिए खेलने वाले लोग जितना बड़ा मुकाबला होगा, उतनी ज्यादा तैयारी करते हैं और जो लोग न हारने के लिए खेलते हैं, वे कड़े मुकाबले में अपनी स्वाभाविक क्षमता खो बैठते हैं।
वे जीतने की कोशिश पर ध्यान लगाने के बजाए हार से डर कर अपना जोश गँवा बैठते हैं। हारने वाले सुरक्षा चाहते हैं, जबकि जीतने वाले अवसर तलाशते हैं। हारने वालो को मौत से अधिक जिंदगी से डर लगता है। हमें याद रखना चाहिए कि असफल हो जाना कोई अपराध नहीं है, पर कोशिश न करना यक़ीनन अपराध है ।
“किसी व्यक्ति के जीवन की क्वालिटी उसके बेहतर काम करने की कमिटमेंट पर निर्भर करती है, फिर चाहे उसका कार्यक्षेत्र कोई भी हो” – विंस लॉम्बार्डी
3. जिम्मेदारीयों को कबूल करना।
चरित्रवान लोग जिम्मेदारियों को क़बूल करते हैं। वे फ़ैसले लेते हैं, और अपनी तक़दीर खुद सँवारते हैं। जिम्मेदारी क़बूल करने पर खतरा उठाना पड़ता है, जवाबदेह होना पड़ता है। कई बार इससे दिक्कते महसूस होती है।
ज्यादातर लोग बिना कोई जिम्मेदारी लिए अपनी आरामगाह में हाथ पर हाथ रख कर बैठे रहना पसंद करते हैं। वे कुछ कर गुजरने के बजाए जिंदगी इस इतजार में बिताते हैं कि कुछ होगा। जिम्मेदारियों क़बूल करने का मतलब बेवकूफी भरे नहीं, बल्कि नपे – तुले खतरे उठाना है।
इसका मतलब कोई सही फैसला लेने, या सही कार्यवाही करने से पहले मसले से जुड़े सारे अच्छे बुरे पहलुओं को नाप – तौल लेना है। जिम्मेदार लोग यह नहीं सोचते कि उनको जीने की सहूलियतें मुहैया कराना दुनिया का काम है।
अगर हम किसी बर्फीली पहाड़ी पर चढ़ रहे हों, या कोई लड़ाई लड़ रहे हो, तो केवल एक गलती की वजह से हमारी जान जा सकती है। लेकिन हममें से ज्यादातर लोगों के लिए गलती से ज्यादा अहम गलती के बारे में हमारा बरताव होता है ।
जिम्मेदार लोग अपनी गलतियों को क़बूल करते हैं, और उनसे सीखते, लेकिन कुछ ऐसे लोग भी होते हैं, जो अपनी गलितयों से कभी कुछ सीख नहीं लेते। हम अपनी गलतीयों के बारे में तीन तरह का नजरिया अपना सकते हैं।
- उन्हें नजरअंदाज कर सकते हैं।
- उनसे इनकार कर सकते हैं।
- उन्हें स्वीकार करके फिर कभी न दुहराने की सीख ले सकते हैं।
तीसरे विकल्प को अपनाने के लिए हिम्मत चाहिए। इसको अपनाने में खतरे तो है, पर यह लाभदायक भी है । इसके बजाए अगर हम अपनी गलितयों की पैरवी शुरू कर देते हैं, तो दरअसल हम उन पर काबू पाने के बजाए उन्हें अपने जीवन का केंद्रबिंदु बना लेते हैं।
जब हालात बिगड़ जाते हैं, तो नकारात्मक लोग एक – दूसरे पर इल्जाम लगाने लगते हैं। पर सकारात्मक लोग ऐसा नहीं करते हैं।
दोस्तो एक बार एक कंपनी का प्रेसीडेंट रिटायर हो रहा था। विदाई की पार्टी के बाद उसने कंपनी के नए प्रेसीडेंट को दो लिफ़ाफ़ देते हुए कहा, “अगर तुम्हारे सामने कोई ऐसी समस्या आ जाए, जिसे तुम खुद हल न कर पाओ, तो पहला लिफ़ाफ़ा खोल लेना।
इसी तरह की समस्या फिर से आने पर दूसरा लिफ़ाफ़ा खोल लेना। “कुछ साल बाद नए प्रेसीडेंट के सामने एक बड़ी समस्या आई। उसने सुरक्षित रास्ता अपनाते हुए पिछले प्रेसीडेंट का दिया पहला लिफाफा खोला।
उसमें लिखा था, सारा दोष पिछले वाले प्रेसीडेंट पर डाल दो। “उसके कुछ साल बाद, एक और समस्या आई, तो नए प्रेसीडेंट ने दूसरा लिफ़ाफ़ खोला। उसमें लिखा था, “आने वाले प्रेसीडेंट के लिए दो लिफ़ाफ़े तैयार करो।”
4. कड़ी मेहनत करना। ( Hard Work )
दोस्तो सफलता इत्तिफ़ाक से मिलने वाली चीज नहीं है। इसे पाने के लिए काफ़ी तैयारी और चरित्र की जरूरत होती है। ज्यादातर लोग जीतना तो चाहते हैं, लेकिन जीत हासिल करने के लिए मेहनत और वक़्त नहीं लगाना चाहते।
सफलता पाने के लिए त्याग और आत्मअनुशासन की जरूरत होती है। कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है । हेनरी फोर्ड ने कहा था कि, 👇👇👇
“आप जितनी कड़ी मेहनत करेंगे, भाग्य आप पर उतना ही मेहरबान होगा।”
दुनिया काम करने की चाह रखने वालों से भरी पड़ी है। कुछ लोग काम करना चाहते हैं, और कुछ लोग चाहते हैं कि ऐसे लोग काम करते रहे। जिस तरह किसी आदमी को शब्दकोश के पास बैठे रहने से शब्दों के हिते नहीं आ जाते, उसी तरह कड़ी मेहनत किए बिना किसी काम को करने की क्षमता नहीं आती।
दोस्तो हदपार मेहनत पर कैमंस विल्सन जी कहते हैं की, 👇👇👇
“मैं आधे दिन काम करना चाहता हूँ और मुझे इसकी कोई परवाह नहीं कि यह पहले 12 घंटे हैं या बाद के 12 घंटे”
दोस्तो प्रसिद्ध अमेरिकन बिसनेस मैन एंड्र्यू कार्नेजी का कहना है की 👇👇👇
दोस्तो एक आदमी अपने काम में अपनी शक्ति और योग्यता का केवल 25 प्रतिशत ही इस्तेमाल करता है। दुनिया उन लोगों का सम्मान करती है जो अपनी 50 प्रतिशत योग्यता तक का इस्तेमाल करते हैं, और उन गिने – चुने लोगों को सिर आँखों पर बिठाती है, जो अपनी क्षमता का 100 फ़ीसदी इस्तेमाल करते हैं।
सफल लोग यह नहीं पूछते कि कितना कम काम करना है, बल्कि वे यह पूछते हैं कि कितना ज्यादा काम करना है। वे यह पूछते हैं कि कितने घंटे काम करना है, यह नहीं पूछते कि कितने कम समय तक काम करना है। अच्छे संगीतकार रोज घंटों तक रियाज़ करते हैं।
जीतने वालों को अपनी कामयाबी कोई बड़ी बात नहीं लगती, क्योंकि उन्होंने उसके लिए लंबे समय तक कड़ी मेहनत की होती है। हम जिन चीजों का आनंद उठाते हैं, वह किसी न किसी की कड़ी मेहनत का नतीजा होती है।
कुछ काम आँखों को दिखाई पड़ते हैं, और कुछ दिखाई नहीं पड़ते, लेकिन महत्त्वपूर्ण दोनों तरह के काम होते हैं। इसलिए अपना काम करके गर्व महसूस कीजिए और जब भी मौका मिले, दूसरों की कड़ी मेहनत को तवज्जोह और इज्जत देकर सराहिए। अपने काम को सलीके और कड़ी मेहनत के साथ कीजिए।
नतीजे के तौर पर हमें अपनी योजना को पूरा करने में सफलता हासिल होगी और आत्मसंतुष्टि मिलेगी। कभी – कभी दूसरे लोग हमारी तारीफ़ करेंगे, लेकिन उसे बोनस मानिए क्योंकि असली संतुष्टि तो मनुष्य को अपने अंदर महसूस होती है।
“कड़ी मेहनत के बिना सफलता मिलना नामुमकिन है।”
दोस्तो कुदरत ने चिड़ियों के लिए खाने का इंतज़ाम तो कर रखा है, पर वह उसे उनके घोंसले में नहीं रख जाती। उन्हें उसे हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।
पैराडाइज लॉस्ट लिखने के लिए मिल्टन जी रोज़ सुबह चार बजे उठ जाते थे। और Noah Webster को Webster’s Dictionary को तैयार करने में 36 साल लग गए। छोटी – छोटी उपलब्धियाँ हासिल करने के लिए भी हमें कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन छोटी से छोटी उपलब्धि भी बड़ी – बड़ी बातों से बेहतर होती है।
5. चरित्र (Character)
किसी आदमी का चरित्र उसके नैतिक मूल्यों, विश्वासों और व्यक्तित्व से मिल कर बना होता है। इसकी झलक हमारे व्यवहार और कार्यों में दिखाई देती है। हमें दुनिया के सबसे कीमती रत्न से भी ज्यादा हिफाजत अपने चरित्र की करनी चाहिए, और विजेता बनने के लिए चरित्र आवश्यक है।
जॉर्ज वाशिंगटन कहना था, कि 👇👇
“मुझे उम्मीद है कि मेरे पास उस चीज़ को कायम रखने लायक दृढ़ता और सद्गुण हमेशा बने रहेंगे जिसे मैं सभी उपाधियों से अधिक कीमती मानता हूँ, और वह चीज़ है एक ईमानदार आदमी का चरित्र।”
इतिहास का रुख चुनावों और लोगों की राय से नहीं, बल्कि नेता के चरित्र से तय होता है। ईमानदारी के क्षेत्र में घालमेल की गुंजाइश नहीं होती। सफलता की राह में कई बाधाए होती है, और इनसे बचने के लिए चरित्र और कड़ी मेहनत की आवश्यकता है।
ऐसा क्यों होता है कि ज्यादातर लोग सफलता को तो पसंद करते हैं, लेकिन सफल लोगों से नफरत करते हैं ? जब भी कोई आदमी सामान्य स्तर से ऊपर उठता है, तो उसकी टाँग खींचने के लिए बहुत से लोग तैयार हो जाते हैं।
हम जब किसी आदमी को पहाड़ की चोटी पर खड़ा देखते हैं, तो सोचते हैं कि अवसर ने उसका साथ दिया होगा, लेकिन वो वहाँ पर तुक्के से नहीं पहुँचा। उसे वहाँ तक पहुँचने के लिए कड़ी मशक्कत करके मुश्किल चढ़ाई चढ़नी पड़ी है।
हमारी जिंदगी भी इससे अलग नहीं है। किसी भी पेशे में नाकामयाब लोग कामयाब इंसान से जलते हैं। आपको हाशिए पर बैठे आलोचक हर जगह मिलेंगे। ये लोग जिंदगी में खुद तो ज्यादा आगे नहीं बढ़ पाते, लेकिन काम करने वालों को चीख – चीख कर नसीहत देते रहते हैं कि उन्हें वह काम कैसे करना चाहिए।
पर याद रखिए कि ये लोग न तो नेता है और न ही कर्त्ता हैं। इन आलोचकों की वजह से अपने लक्ष्य से मत भटकिए। आम लोग आलोचना से बचने के लिए सुरक्षित रास्ता अपनाते हैं।
वे निंदा से बचने के लिए न तो कुछ कहते हैं, न करते हैं और न ही कुछ बनते हैं। इस तरह वे आलोचना से तो बच जाते हैं, लेकिन हमेशा सामान्य ही बने रहते हैं। हम ज्यों ज्यों उपलब्धियाँ हासिल करेंगे, तो हमारी आलोचनाए भी बढ़ती जाएगी।
दोस्तो आस्कर वाइड जी का कहना है की 👇
आलोचक वह होता है जो दाम तो हर चीज का जानता है, लेकिन उन चीजो का महत्व नहीं जानता है।
अपनी आलोचना कोई पसंद नहीं करता, लेकिन ईमानदारी से की गई आलोचना को अपनाने से हमें सीख मिलती है, और हमारा विकास होता है। जिस तरह आलोचकों की वजह से मायूस न होने के लिए चरित्र की जरूरत होती है, उसी तरह आलोचकों की बात को गौर से सुनने के लिए भी चरित्र की जरूरत होती है।
जलन की वजह से की गई आलोचना और ईमानदार आलोचना में फ़र्क़ करना बेहद जरूरी है। क़ामयाब लोगों के पास यह हुनर होता है। इस हुनर का एक हिस्सा आलोचक के मक़सद को समझना है। इसका दूसरा हिस्सा और काफ़ी बड़ा हिस्सा ख़ुद को जानना है।
क़ामयाब लोग ख़ुद को अच्छी तरह समझते हैं , इसलिए उन्हें मालूम हो जाता है कि कौन सी आलोचना सही है और कौन सी गलत है। दूसरे लोगों की तरह सफल लोग भी अपनी आलोचना पसंद नहीं करते। लेकिन जब उन्हें कोई आलोचना सच्ची लगती है, तो वे उसे शांति के साथ धैर्य से सुनते हैं।
वे खुद को सुधारने के लिए आलोचक से सलाह मांगते हैं। लेकिन दरअसल सफल लोग जिन लोगो पर विश्वास करते हैं, उनसे आलोचना करने के लिए अक्सर कहते हैं। वे उनसे पूछते हैं की “में कैसा काम कर रहा हूं और में खुद को पहले से बेहतर कैसे बना सकता है?
6. सकारात्मक सोच
दोस्तो क्या आप जानते हैं की सकारात्मक सोच और सकारात्मक विश्वास में क्या फर्क है? जब हम अपने विचारो की आवाज सुनते हैं, तो वे हमे कैसे लगते हैं? सकारात्मक या नकारात्मक? हम अपने दिमाग को सफलता के लिए प्रोग्राम कर रहे हैं या असफलता के लिए?
दोस्तो हमारे सोचने के तरीके का हमारे काम करने की क्षमता पर गहरा असर पड़ता है। अपने लिए सकारात्मक नजरिया अपनाने और प्रेरित होने का चुनाव हमे रोज करना होता है। सकारात्मक जीवन जीना इतना आसान नहीं है, पर नकारात्मक जीवन जीना भी तो आसान नहीं है।
में तो अपने लिए सकारात्मक जीवन ही चुनूंगा, क्योंकि सकारात्मक सोच हमे हमारी क्षमताओ का भरपूर इस्तेमाल करने में मदद देती है। सकारात्मक विश्वास सकारात्मक सोच से भी बड़ी चीज है। इसका मतलब यह जानना है की सकारात्मक सोच नतीजा देगी।
सकारात्मक विश्वास का मतलब आत्मविश्वास से भरा नजरिया है, जो तैयारी से उपजता है। कोशिश के बिना सकारात्मक नजरिया खयाल पुलाव पकाने जैसा है। दोस्तो नीचे मैने सकारात्मक विश्वास का एक उदाहरण दिया हुआ है।
कई साल पहले लॉकहिड ने “L-1011” ट्राइस्टर हवाई जहाज बनाया। उस जेट विमान की शक्ति और सुरक्षा प्रणालियों की जांच करने के लिए लॉकहिड कंपनी ने 18 महीनों तक कठोर से कठोर परीक्षण किए जिसमे उनके 1.5 बिलियन डॉलर लगे।
हाइड्रोक्लोरिक जैक, इलेक्ट्रॉनिक सेंसर और एक कंप्यूटर की मदद से उस हवाई जहाज ने एक भी गड़बड़ी के बिना 36,000 उड़ाने भरी। किसी साधारण जहाज को इतनी उड़ाने भरने में 100 साल लग जाएंगे।
हजारों परीक्षण के बाद उस हवाई जहाज को उड़ान भरने के लिए इजाजत दे दी। दोस्तो क्या लॉकहिड कंपनी इस विमान पर पूरा भरोसा कर सकती ? यकीनन कर सकती है!
क्योंकि इसको तैयार करने के लिए कड़ी मेहनत की हुई थी, इसीलिए पूरे यकीन के साथ कहा जा सकता है की यह विमान उड़ान भरने के लिए पूरी तरह सुरक्षित है।
7. जितना पाते हैं, उससे कही अधिक दे।
दोस्तो अगर हमे अपनी लाइफ में आगे बढ़ना हैं, तो हमे हम जितना पाते हैं, उससे कही अधिक देने की कोशिश करना चाहिए। दोस्तो आपको जितना मिलता है, क्या आप उसके बदले में उससे थोड़ा अधिक देने के लिए तैयार है?
दोस्तो हम ऐसे कितने लोगो को जानते हैं जो जितना पाते हैं, उससे थोड़ा ज्यादा काम करने की इच्छा रखते हैं? बहुत कम। क्योंकि ज्यादातर लोग जितने काम के लिए भुगतान पाते हैं, उतना काम भी नहीं करना चाहते हैं। एक और तरह के लोग है, जो बस उतना ही करना चाहते हैं, जिससे की उनका काम चल जाए।
वे बस अपना कोटा पूरा करते हैं, ताकि नौकरी बची रहे। ऐसे बहुत से लोग है, जो जितने काम के लिए भुगतान पाते हैं, उससे थोड़ा ज्यादा काम करना चाहते हैं। क्या आप जानना चाहते हैं की वे ऐसा क्यों करते हैं? जानने के लिए इस आर्टिकल के अंत तक बने रहिए।
दोस्तो जब हम जितना काम के लिए भुगतान पाते हैं, उससे कही ज्यादा काम करने पर हमे बहुत ज्यादा फायदे मिलते हैं और उनको मैने नीचे दिया हुआ है। 👇👇👇
- हम खुद को और ज्यादा महत्वपूर्ण बना लेते हैं, चाहे हम जो भी करते हो और जहा भी करते हो।
- इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है।
- लोग हमे लीडर मानने लग जाते हैं।
- दूसरे लोग हम पर विश्वास करने लग जाते हैं।
- आपसी सहयोग बढ़ता है।
- खुद पर गर्व मेहसूस होने लगता है और आत्मसंतुष्टि मिलती है।
- सभी लोग हमारी हमारी इज्जत करने लगते हैं।
दोस्तो आपके ग्राहक, दोस्त, जीवनसाथी, मां बाप और बच्चे जितना चाहते हैं, उन्हे हमेशा उन्हे उससे अधिक देने की कोशिश करिए। कोई भी काम करते समय यह सोचे कि में इसे और सार्थक यानी की वैल्यूएबल कैसे बना सकता हूं। या “यह काम दूसरो के लिए और सार्थक कैसे बन सकता है?”
8. दृढ़ता की शक्ति
अपने से बेहतर स्तर को प्राप्त करने की यात्रा आसान नहीं है। यह रुकावटो से भरी पड़ी है, जीतने वालो में इन बढ़ाओ को जीतने और पहले से भी ज्यादा संकल्प के साथ वापस लौटने की क्षमता होती हैं।
दोस्तो कभी भी हिम्मत न हारो 👇👇👇
जब कोई काम बिगड़ जाए, जैसा कि कभी कभी होगा।
जब रास्ता सिर्फ चढ़ाई का ही दिखाता हो।
जब पैसे कम और कर्ज ज्यादा हो।
जब मुस्कुराहट की इच्छा आह बने।
जब चिंताएं दबा रही हो।
डटे रहो चाहे कितनी भी मुश्किल आए, चाहे हालात जितनी भी बुरे हो, लेकिन कभी भी हिम्मत न हारो और डटे रहो।
दोस्तो एक बार महान वायलिन वादक फ्रिटज क्रिस्लर जी से किसी ने पूछा की “आप इतनी अच्छी वायलिन कैसे बजाते हैं? क्या यह भाग्य की देन हैं? तो उन्होंने जवाब दिया की ‘यह मेरे अभ्यास का नतीजा है.’
“अगर में एक महीने तक अभ्यास न करू तो मेरे वायलिन बजाने में आए फर्क को श्रोता मेहसूस कर सकते हैं। अगर में एक सप्ताह तक अभ्यास न करू, तो मेरी पत्नी फर्क बता सकती हैं, और अगर में एक दिन अभ्यास न करू तो में खुद फर्क बता सकता हूं।”
दृढ़ता एक फैसला है और यह फैसला लेकर आदमी खुद को कोई काम पूरा करने का वचन देता है। थक जाने के बाद भी कोशिश बंद कर देने की इच्छा होती है, लेकिन जितने वालो में सहन शक्ति होती है। किसी जितने वाले खिलाड़ी से पूछिए, तो वह हमे बताएगा कि शुरू किए गए काम को पूरा करने के लिए उसने कितनी तकलीफ सही है।
दूसरी ओर कई असफल लोगो ने शुरुआत तो अच्छी की, पर शुरू किए गए किसी काम को कभी पूरा नहीं किया। दृढ़ता के लिए लक्ष्य का होना बहुत जरूरी है। जिस आदमी के पास कोई लक्ष्य नही हो, तो उसमे न तो कभी दृढ़ता आ सकती है, और न ही उसे कभी भी आत्म संतुष्टि महसूस हो सकती हैं।
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9. अपने काम में गर्व महसूस करो।
आज कल की दुनिया में लोगो ने अपने काम से गर्व की भावना को अलग कर दिया है, क्योंकि इसके लिए कोशिश और कड़ी मेहनत की जरूरत होती हैं। पर कोई काम अंजाम तक तभी पहुंचता है, जब उसके लिए कोशिश की जाती है।
हताश होने पर जल्दी कामयाबी दिलाने वाले गलत रास्तों को अपनाने की इच्छा होती हैं, लेकिन इनसे बचना चाहिए, भले ही सामने कितनी भी बड़ी लालच हो। गर्व की भावना आदमी के मन में उत्पन्न होती हैं, और उसकी वजह से उसे जितने वाली बढ़त मिलती है।
अपने काम को लेकर गौरव अनुभव करने का मतलब अहंकारी होना नही है। यह तो विनम्रता भरे आनंद का इजहार है। काम और काम को करने वाले की गुणवत्ता को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता है। आधे मन से लिए गए काम से आधे नतीजे नही मिलते, बल्कि इस तरह से किए गए काम से कोई नतीजा ही नही मिलता है।
दोस्तो एक बार तीन लोग इटो की चुनाई कर रहे थे। एक आदमी ने इनसे पूछा की “आप क्या कर रहे हैं?” उनमें से एक ने जवाब दिया की में रोजी कमा रहा हूं। दूसरे ने जवाब दिया की “दिखाई नही देता की मैं इट चुन रहा हूं?” और तीसरे इंसान ने जबाव दिया की “में सुंदर स्मारक बना रहा हूं।”
वे 3 नो लोग एक ही काम को कर रहे थे, लेकिन उसके बारे में उनके 3 बिलकुल अलग अलग नजरिए थे। क्या आपको लगता है की उनके नजरिए का उनके काम पर भी असर पड़ेगा? तो इसका जवाब है, जरूर पड़ेगा।
हमे उत्तमता तब हासिल होती है, जब काम करने वाले को अपना सबसे उत्तम प्रदर्शन करके गर्व महसूस होता है। हर काम उसे करने वाले का अक्स होता है, चाहे वह कार की सफाई का काम हो, या फर्श साफ करने का काम हो या अपने घर की रंगाई करने का काम हो।
हर काम को पहली बार ढंग से कीजिए और फिर हर बार सही ढंग से करने की कोशिश कीजिए। अगर किसी आदमी को सड़क साफ करने का काम दिया जाए तो उसे सफाई वैसे ही करनी है, जैसे कोई पेंटर पेंटिंग करता हो, या बिथोविन संगीत की रचना करता हो, या शेक्सपियर कोई कविता लिखता हो।
उसे सड़क की सफाई इतनी अच्छी तरह से करनी चाहिए की स्वर्ग और पृथ्वी के लोग रुककर बोले की यहां सड़क सफाई करने वाला रहता था, जिसने अपना काम गर्व से और बहुत अच्छी तरह से किया। किसी काम को अच्छी तरह से करने का अहसास खुद में एक इनाम है। खराब तरीके से कई काम करने से अच्छा है की अच्छे ढंग से कुछ ही काम किए जाए।
10. शिष्य बनने की इच्छा रखिए।
दोस्तो जब ईश्वर और गुरु दोनो सामने खड़े हो, तो शिष्य पहले किसे प्रणाम करेगा? भारतीय परंपरा के अनुसार, वह पहले अपने गुरु को प्रणाम करेगा, क्योंकि उसकी सहायता और मार्गदर्शन के बिना शिष्य ईश्वर को प्राप्त नही कर सकता।
सलाहकार या गुरु एक ऐसा इंसान होता है , जिसके बीते कल का तजुर्बा हमारे आने वाले कल को सवार सकता है। किसी सलहाकर को सावधानी से चुनिए, क्योंकि अच्छा सलाहकार हमको रास्ता और दिशा दिखाएगा, जब की बुरा सलाहकार हमको अपने रास्ते से भटकाएगा।
अपने सलाहकार को सम्मान दीजिए और उत्सुक प्रकृति के शिष्य बनिए। उत्सुक शिष्य को अपने गुरु से सबसे उत्तम उपलब्धि प्राप्त होती है। अच्छे गुरु हमारी प्यास बुझाते नही, बल्कि हमारी प्यास को और जागते हैं। वे हमको उस राह पर आगे बढ़ाते हैं, जिस पर चल कर हमे हमारे सवालो के जवाब हासिल हो जाते हैं।
सफल जीवन के नियम – सफलता के 5 नियम
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Conclusion of What is Success in Hindi Blog Post :
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दोस्तो आज के इस सफलता क्या है और जीवन में सफलता कैसे प्राप्त करें? मोटिवेशन & सेल्फ हेल्प आर्टिकल में सिर्फ इतना ही, दोस्तो फिर मिलेंगे ऐसे ही एक Inspirational आर्टिकल के साथ तब तक के लिए आप जहा भी रहिए खुश रहिए।
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