आलस का मनोविज्ञान Pdf Free Download , The Psychology of Laziness Hindi Book PDF Free Download , The Psychology of Laziness Book PDF Download in Hindi
नमस्कार दोस्तों, आप सभी का हमारे नॉलेज ग्रो मोटिवेशनल ब्लॉग पर स्वागत है। दोस्तो क्या आप Aalas ka Manovigyan Book Pdf Free Download करना चाहते हैं? या आप The Psychology of Laziness Book summary in Hindi में पढ़ना चाहते हैं? तो आप बिलकुल सही जगह पर आए हुए हैं।
Aalas Ka Manovigyan Book Pdf Free Download | आलस का मनोविज्ञान Pdf Download
दोस्तो अगर आप इस ब्लॉग पोस्ट को अंत तक ध्यान से पढ़ते हैं? तो आपको 10 साल का लक्ष्य सिर्फ 6 महीने में हासिल करने का सीक्रेट पता चल जायेगा। दोस्तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए बहुत ही स्पेशल और जीवन को बदल देने साबित होने वाली है, इसीलिए इसे अंत तक ध्यान से जरूर पढ़िए।
The Psychology of Laziness Book Summary in Hindi & Pdf Download
दोस्तो आज में जिस किताब के बारे में बात करने वाला हू, वो किताब आपको पढ़नी इतनी जरूरी है की हम कहते हैं ना “मरने से पहले हमे अपने जीवन में कुछ काम अंधुरे नही रहने चाहिए” ठीक उसी तरह से यह किताब आपसे Miss नही होनी चाहिए।
और दोस्तो उस किताब का नाम है “The Psychology of Laziness” और यह किताब हिंदी और इंग्लिश इन दोनों भाषाओं में पाठको को पढ़ने के लिए उपलब्ध है। दोस्तो इस किताब में क्या है? वो आप पहले जान लीजिए…
दोस्तो आप भले ही कितने talented और होशियार हो और आपका कितना ही तेज IQ क्यों न हो, लेकिन अगर आप Action नही ले रहे हो? तो आप कितनी भी मोटीवेशनल विडियोज देखलो या आर्टिकल्स को पढ़लो, पर अपने काम पर हर रोज मेहनत नही कर रहे हो? तो आपको बड़ी सफलता नही मिल सकती।
दोस्तो हम सभी को पता है की “सिर्फ ज्ञान लेना सबकुछ नही होता है, बल्कि उसके साथ ही Actions भी लेना पड़ता है” और यही इस किताब में बताया हुआ है की “ कैसे अपने आलस्य से छुटकारा पाकर हदपार मेहनत करें?” कैसे आप हदपार मेहनत कर सकते हो? 👇👇👇
और कैसे आप अपनी जिंदगी के 10 साल के लक्ष्य को सिर्फ 6 महीने में पूरा कर सकते हो। दोस्तो कभी कभी ऐसा होता है ना की हम एनर्जेटिक फील करते हैं और हमे ऐसा लगता है की आज बड़ा अच्छा लग रहा है। पर दिक्कत यह है की “ये कभी कभी ही फिल होता है”
दोस्तो याद करो वो दिन जब कभी ना कभी आप बहुत ज्यादा Focused थे, और बहुत ज्यादा मेहनत करने का आपका मन कर रहा था। आपके अंदर ये नही आ रहा था की “में कल करूंगा” आपके अंदर एक एक्साइटमेंट थी, जिज्ञासा थी और आप अंदर से मोटीवेटेड फिल कर रहे थे।
दोस्तो अब आप सोचिए कि “पर क्या हो अगर ये आपके साथ हर रोज हो!! तो क्या आप जिंदगीभर धूम नही मचाओगे? अगर “आलस, थकान, बोर होना, ध्यान भटकना और हार मानने का मन करना और बार बार अपने काम को बदलते रहना” क्या हो अगर ये सब ना रहे!!!
इसीलिए इसका सोल्यूशन यह है जो इस किताब में बता रखा है, की आपका ध्यान होना चाहिए “Energy Management” पर… सब लोग time Management करने पर ध्यान देते हैं, पर क्या करोगे उस बचे हुए वक्त का, अगर आप उस वक्त प्रोडक्टिव फिल नही करते हो, और एनर्जेटिक फील नहीं करते हो तो।
जब आपको सुपर पॉवर फील होता है, तब आप में अलग ही लेवल की एनर्जी फिल होती है, तब आप 10 घंटे के काम को सिर्फ 1 घंटे में ही पूरा कर सकते हो। और यही सुपर पावर अगर आपके अंदर हर रोज रहे तो आप 10 साल के लक्ष्य को सिर्फ 6 महिने में ही पूरा कर सकते हो।
दोस्तो इस किताब के लेखक ने यानी की हम सभी के भाई मुहम्मद शकील जी ने बताया हुआ है की “हमारे दिमाग में ‘डोपामाइन’ नाम का एक केमिकल रिलीज होता है, और ये एक ऐसा हार्मोन है, जो तब रिलीज होता है, जब आप अच्छा फील कर रहे होते हैं, जब आप motivated फील कर रहे होते हो।
जब आपका मेहनत करने का मन कर रहा होता है, और आप मेहनत करने के लिए तैयार होते हो। आपको आलस बिलकुल भी नही आ रहा होता है, और आप बिलकुल भी चीजे नही टालते हो और तब ये आपके दिमाग में रिलीज हुआ होता है। ये जब आपके ब्रेन में रिलीज होता है, तब आप अलग ही जोन में होते हो।
दोस्तो अब में आपको एक उदाहरण देकर समझाता हूं। में आपको समझाने के लिए ट्रेंडिंग का उदाहरण दे देता हूं, क्योंकि अब मार्केट में ट्रेंडिंग बहुत चल रही है, इसीलिए में आपको समझाने के लिए उदाहरण भी ऐसा ही लेते हैं।
दोस्तो मान लीजिए की अगर कोई इंसान हैं जिसने क्रिप्टो में 1000 रुपए इन्वेस्ट किए हुए है और उस इंसान को दूसरे ही दिन ₹500 रुपयों का प्रॉफिट हुआ। अब बताओ की क्या ये बंदा आगे फिर से क्रिप्टो में पैसे लगाएगा या रुक जायेगा? बिलकुल लगाएगा
क्योंकि वो अब खुश है , इसीलिए वो इंसान फिर से पैसे लगाएगा। अब ये जो इन्वेस्ट करने का मन जो कर गया फिर से, ये डोपामिन हार्मोन के वजह से होता है। उस वक्त हमारे अंदर कुछ हो रहा होता है, जो हमे कहता है की “फिर से कर”
दोस्तो जब भी कोई भी काम पूरा हो जाता है, तो हमे उसके हो जाने की खुशी मिलती है और तब हमे सेंस ऑफ अचीवमेंट मिलती है। और ये सब डोपामिन हार्मोन के वजह से होता है, इसे खुशी का हार्मोन भी कहा जाता है, जो हमे अच्छा फील करने का काम करता है।
दोस्तो इसी की वजह से सफलता प्राप्त करने के बाद भी मेहनत करने का मन करता है। हर साइंटिस्ट, हर राइटर, और बिजनेस मैन और हर इंसान ऐसा ही बड़ा होता है। “एक दो बार किया तो हुआ, तो उसे बार बार करने का मन करता है” इसी तरह से हर इंसान Workaholic बन जाता है।
दोस्तो Workaholic का मतलब यह है की “वो इंसान अब काम किए बिना रह नहीं सकता है” और उसके लिए काम एक नशा बन जाता है, उसके लिए मेहनत करना एक नशा बन जाता है। दोस्तो ये नशा ड्रग्स, कोकेन और अल्कोहल से भी ज्यादा एडेक्टिव होता है।
दोस्तो आप इस दुनिया में एलोन मस्क, स्टीव जॉब्स, बिल गेट्स, धीरूभाई अंबानी और जेफ बेजोस जैसे लोगो को आप देख सकते हो। दोस्तो आज वॉरेन बफेट जी की उम्र 91 साल है, लेकिन आज भी उन्होंने अपने काम से रिटायरमेंट नहीं लिया हुआ है, वो आज भी मेहनत कर रहे हैं।
दोस्तो अब आपको लग रहा होंगा की “इनको और भी ज्यादा पैसा कमाना है, इसीलिए आज भी मेहनत कर रहे हैं” लेकिन ऐसा नहीं है! दोस्तो अब आप अपने मन में ऐसा इमेजिन करो की “आप अब 91 साल के हो और आपके पास वॉरेन बफेट जी के पास जितना पैसा है, उतना आपके पास है”
तब आप या तो आराम करोगे और अपने अरबों डॉलर को उड़ाओगे, या आप फिर से काम करने लग जाओगे। तो यहा पर एक ही बात निकल करके सामने आ जाती है की “कामयाब लोगो को लत लग चुकी होती है, और ये जो लत लगती है ना, उसके पीछे इसी डोपामिन हार्मोन का हाथ होता है।
दोस्तो यही हार्मोन आपसे मेहनत करवाता है और अगर आप इसको समझ लोगे तो आप भी हदपार मेहनत करना सीख जाओगे। इसीलिए इस दुनिया मे जितने भी मजे बने हुए हैं, जैसे की दारू पीना, पार्टी करना आदि… इन सभी मज्जाओ को कामयाब लोग इग्नोर करते हैं और अपने काम के अंदर मज्जा ढूंढते रहते हैं।
दोस्तो यह डोपमाइन हार्मोन हमारे दिमाग में २ तरीके से रिलीज होता है और आपके पास हमेशा दो ऑप्शंस होते हैं, एक अच्छा काम और गलत काम। में आपको एक उदाहरण देकर समझाता हूं।
दोस्तो आप इस हार्मोन को गलत तरीके से भी रिलीज कर सकते हो, आपके मन को गलत काम करने पर भी मजा आता है, जैसे की ‘अ-श्लील वीडियो’ देखना, नशा करना आदि... और ऐसे गलत काम करने पर भी यह हार्मोन रिलीज होता है, लेकिन दोस्तो इस तरह से मजे लेने से होता यह है की👇
“आपको बाकी की लाइफ तेहस नेहस हो जाती है”
दोस्तो अगर आपको अपने दिमाग में डोपामिन हार्मोन को रिलीज करना ही है, तो आपको उसे अच्छे तरीके से करना होंगा। The Psychology of Laziness book यानी हिंदी में आलस का मनोविज्ञान बुक में बता रखा है की 👇👇👇
“बड़े से बड़े कामयाब लोगो के पास में उन्होंने कितना लगातार एक ही काम को किया उसकी कहानी होती है, ना की कितना उनको ज्ञान था उसकी कहानी होती है”
दोस्तो आप किसी भी सफल इंसान की कहानी को पढ़कर के देखलो, तब आपको पता चलेगा कि “उसके ऐक्शन काउंट होते हैं, उसका ज्ञान काउंट नही होता है। ज्ञान तो बहुत लोगो के पास होता है, लेकिन लगातार एक्शन हर कोई नहीं ले पाता है।
दोस्तो हर कोई कहता है की Elon Musk का तेज दिमाग है, और उसका IQ तेज है, और बचपन से ही उन्हें सबकुछ सिखाया गया हुआ है। पर कोई ये बात नही करता की Elon Musk जो है ना वो 7 दिन में 100 से 120 घंटे काम करते हैं। इसलिए ज्ञान के साथ मेहनत करना भी बहुत जरूरी है।
दोस्तो आप यहां यह भी नही कह सकते हैं की “मेहनत तो गधा भी करता है” आपको इस दुनिया में यही मिलेगा की “कम ज्ञान रखने वाले लोग हमेशा अकसर ज्यादा ज्ञान रखने वाले लोगों से आगे निकल जाते हैं” और उसकी वजह है ‘Consistency’।
दोस्तो ये कामयाबी ना तो ज्ञान की मोहताज है और ना तेज दिमाग की मोहताज है, ना पैसों की, ना सपोर्ट की बल्कि ये कामयाबी मोहताज है लगातार Actions की. बात नॉलेज की नही है, क्योंकि नॉलेज तो पूरी दुनिया ले रही है। बात तो नॉलेज को दूसरों से स्मार्ट तरीके से लगानी की है।
दोस्तो इस दुनिया में 90% से भी ज्यादा लोग अपनी बुद्धि में पड़े नॉलेज का इस्तमाल ही नही कर रहे हैं। मैने ऐसे काफी लोग देखे हुए हैं, जो ज्ञान को लेकर सिर्फ बैठे हुए हैं, कर तो कुछ नही रहे है। अमीर वो लोग होते है, जो नॉलेज को लेने के बाद उस पर actions लेते हैं, ना की जो सिर्फ ज्ञानी है।
दोस्तो इस आलस का मनोविज्ञान बुक में ऑथर ने बता रखा है की कैसे एक्शंस लें? दोस्तो “मेहनत हर वक्त टैलेंट को पीछे छोड़ देती है, जब टैलेंट वाला इंसान मेहनत करना बंद कर देता है” दोस्तो “एक मूर्ख इंसान भी लगातार मेहनत और एक्शंस लेने से आलसी और intelligent person को बड़े आराम से हरा सकता है।
दोस्तो आलस का मनोविज्ञान बुक की सबसे खास बात यह है की ये किताब एकदम बातचीत वाली भाषा में लिखी हुई है। जैसे में अब आपके साथ जैसे बात कर रहा हू, ठीक उसी प्रकार और बिना आपको बोर करे इंगेजिंग स्टाइल में लिखी हुई है।
दोस्तो मैंने अभी तक काफी बुक्स पढ़ी हुई है, लेकिन मुझे ज्यादातर किताबो में प्रोफेशनल और टफ स्टाइल वाली भाषा नजर आती है, लेकिन आलस का मनोविज्ञान बुक को ऐसी इंगेजिंग भाषा में लिखी हुई है, जैसे हम व्हाटसएप पर एक दूसरे के मैसेज पढ़ते हैं।
दोस्तो आपको वाकई में ये नहीं लगता की “आप किसी एक काम पर लगातार बिना रुके और पूरे दिल से बिना आलस करें और बिना उस काम को टाले ६ महीने रोज करने लग जाओ, तो आप क्या कर सकते हो? और कितना बड़ा कर सकते हो?
दोस्तो जब आप बिना एक मिनिट भी वेस्ट किए अगर आप उस काम को 6 महीने तक करेगे, तो आपके हाथ में कुछ ना कुछ तो जरूर लगेगा। दोस्तो अब आप बताओ की 👇👇👇
“आपकी लाइफ में कब ऐसा वक्त आया था जब आप 6 महीने एक काम के पीछे लगातार हाथ धोखे पीछे पड़े रहे और बिना और कोई काम करे आपने सिर्फ वही काम किया।”
दोस्तो अब जो बात में आपके साथ शेयर करने वाला हू उसे आप कही पर लिख लीजिए, क्योंकि ये बात मुझे भी बहुत ही ज्यादा हिट करती है। और वो है 👇👇👇
“सबसे ज्यादा सपने इस टालने के कीड़े ने मारे हुए हैं और ये बात सच है। क्योंकि सबसे ज्यादा जो सपने मारे हैं वो आलस ने मारे हैं। इस टालने की आदत ने की “में कल करूंगा या बाद में करूंगा” इस आदत ने न जाने कितने लोगो को बुढ़ापे में ये पछतावा कराया है की “काश में एक और कोशिश कर लेता”
दोस्तो पूरे साल में 8760 घंटे होते हैं, जिसमे खाना पीना और रेस्ट करना, और काम करना या जो भी आप करते हो वो सब निकालकर एक्स्ट्रा घंटे भी निकाल दे, तो भी मेरी स्ट्रॉन्ग मैथ कैल्कूलेशन के हिसाब से 3190 घंटे आपके पास हर साल बचते हैं।
दोस्तो आपका यह टाइम कहा जा रहा है? हम कुछ मिनट यहां वहा देते रहते हैं ना! वही टाइम कुल मिलाकर बाद में घंटो में बदल जाता हैं और ये हमे पता ही नही चलता। अगर 80 साल के बिल्लियनर इंसान को यह कहा जाए की आपको फिर से 20 साल का करा दिया जाएगा और आपकी लाइफ फिर से रिस्टार्ट हो जायेगी,
आपका ज्ञान वही रहेगा आपके अनुभव भी वही रहेगा और आपकी उम्र हो जायेगी 20 साल, लेकिन बदले में आपको आपकी सारी दौलत देनी होंगी। तो 99.99% चांसेस हैं की वो बिल्लियनर इंसान 20 साल का होने के लिए अपनी सारी संपत्ति देने के लिए तैयार हो जाएगा।
दोस्तो जिसका मतलब यह है की “अभी आप जो भी लाइफ जी रहे हो और अभी आपकी जो भी age है ना वो 1 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा कीमती है और इससे ज्यादा कीमती और कोई चीज नहीं हो सकती है और ये बात बिलकुल सच है।
दोस्तो आप अभी 1 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा कीमती लाइफ जी रहे हो, जिसमे आपने कल से करूंगा बोलकर कितना सारा वक्त गवाया होंगा। दोस्तों आपकी जिंदगी को और सोच बदलने वाली इस किताब को खरीदने की लिंक और उसकी पीडीएफ डाउनलोड करने की लिंक नीचे दी हुई है।
दोस्तो यह किताब हर इंसान के घर में होनी चाहिए, जिस तरह हर घर में एक घड़ी होती है, जो होनी ही चाहिए क्योंकि वो वक्त बताती है, ठीक उसी तरह आलस का मनोविज्ञान बुक आपके सामने होनी ही चाहिए, जो आपको वक्त नही बताएगी लेकिन आपका वक्त जरूर बदल देंगी।
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दोस्तो आज के इस The Psychology of Laziness Book Summary in Hindi आर्टिकल में सिर्फ इतना ही, दोस्तों फिर मिलेंगे ऐसे ही एक इंट्रेस्टिंग आर्टिकल के साथ तब तक के लिए आप जहा भी रहिए खुश रहिए और खुशियां बांटते रहिए।
धन्यवाद आपका दिन शुभ हो 🙏🙏🙏
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आलस का मनोविज्ञान किताब के लेखक कौन है?
आलस का मनोविज्ञान किताब के लेखक Coolmitra Youtube Channel के संस्थापक Mohammad Shakeel जी है।
आलस का मनोविज्ञान किताब में कितने अध्याय हैं?
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