जानिए अपना भाग्य कैसे बदलें?, Motivational Story on Destiny in Hindi, Apna Bhagya Kaise Badle।
नमस्कार मेरे प्यारे भाईयो और बहनों आप सभी का नॉलेज ग्रो मोटिवेशनल ब्लॉग पर स्वागत है। दोस्तो आज का यह आर्टिकल आप सभी के लिए बहुत ही स्पैशल और लाइफ चेंजिंग साबित होने वाला है। इसीलिए इस लाइफ चेंजिंग आर्टिकल को आखिर तक जरूर पढ़िए।
दोस्तों अगर आपको लगता है की आपकी किस्मत खराब है? तो आज में आपके साथ जो motivational story शेयर करने वाला हू, वो सिर्फ आपके लिए ही है, इसे अंत तक ध्यान से जरूर पढ़िए। तो बिना समय गंवाए चलिए कहानी को शुरू करते हैं।
जानिए अपना भाग्य कैसे बदले? | Motivational Story on Destiny in Hindi
एक जंगल में एक महात्मा रहते थे, उन महात्मा की खासियत यह थी की “वे किसी का भी भविष्य बता सकते थे।” बड़े बड़े राजा उन्हे मानते थे और उनके बताए हुए मार्ग पर चलते थे। उस जंगल के बीचों बीच से एक नदी गुजरती थी, और उन महात्मा की कुटियां उस नदी के किनारे पर थी।
नदी के दोनो तरफ दो अलग अलग शक्तिशाली राजाओं के साम्राज्य थे। वे दोनो ही राजा उस महात्मा को बहुत मानते थे। वे दोनो जब भी कोई बड़ा कार्य करते थे, तो उन महात्मा से सलाह लेने के लिए अवश्य आते थे।
एक दिन इन दोनों राजाओं में किसी बात पर कहसूनी हो गई। बात इतनी बढ़ गई की नौबत युद्ध पर आ गई। युद्ध की तारीख और समय ये दोनो तय कर दिया गया। पर जैसा कि दोनो राजाओं का नियम था की “जब भी कोई बड़ा कार्य करते, तो वे दोनो उस महात्मा की सलाह जरूर लेते थे।”
इसीलिए पहला राजा उन महात्मा के पास आता है और उनसे पूछता है कि “महात्मा जी मैने पड़ोस के राजा के साथ युद्ध करने का निश्चय किया है और इसीलिए यह जानना चाहता हूं की “युद्ध का परिणाम किसके पक्ष में होंगा?” वे महात्मा कहते हैं की 👇
“यदि तुमने युद्ध किया तो तुम्हारी हार निश्चित है” फिर वो राजा महात्मा जी से पूछता है की “क्या जितने का कोई भी उपाय नहीं है?” वे महात्मा कहते हैं की “यदि युद्ध किया तो हार निश्चित है” फिर वह राजा कहता है की “तलवार मेयान से निकल चुकी है अब युद्ध टलेगा तो नही, जो होंगा देखा जायेगा”
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फिर वो राजा उसी समय वहा से चला जाता है और अपने सेना से जी तोड़ मेहनत करने के लिए कहता है। सभी सैनिक राजा की आज्ञा मानकर जी तोड़ मेहनत करने के लिए लग जाते हैं। दूसरे दिन दूसरा राजा उन महात्मा के पास आ जाता है और उनसे पूछता है की 👇👇👇
महात्मा जी में पड़ोस के राजा के साथ युद्ध करने के लिए जा रहा हू, इसीलिए में इस युद्ध का परिणाम जानना चाहता हूं, की युद्ध किसके पक्ष्य में रहेगा? वे महात्मा कहते हैं की “निसंदेह जीत तुम्हारी है और उस राजा के पास तुम्हे हराने का कोई उपाय नहीं.”
उन महात्मा की बात सुन वो राजा बहुत ही ज्यादा प्रसन्न हो जाता है और सीधा जाकर अपनी सेना को यह खुशखबरी सुनाता है की “युद्ध में उनकी जीत पक्की है” ये बात सुनकर उस राजा के सैनिक भी बहुत खुश हो जाते हैं और युद्ध की तैयारीयो में लग जाते हैं।
समय बीतता है और युद्ध का दिन आ जाता है। रणभेरिया बजाई जाती है और युद्ध शुरू हो जाता है। दोनो सेनाए एक दूसरे के साथ भीड़ जाती है और मार काट मच जाती है। देखते ही देखते जिस पहले राजा की हार निश्चित थी, वे दूसरे राजा की सेना को ढेर कर देती है और पहला राजा वो युद्ध जीत जाता है, जिसे उन महात्मा ने कहा था की वो युद्ध हारेगा।
युद्ध जितने के बाद वो पहला राजा उन महात्मा के पास चला जाता है और उनसे पूछता है की “महात्मा जी आपने तो कहा था की में तो वो युद्ध हार जाऊंगा, लेकिन में तो युद्ध जीत गया।” आपकी भविष्यवाणी गलत कैसे निकली? फिर वे महात्मा उस राजा से कहते हैं की 👇👇👇
“मैने तो वो कहा था जो तुम्हारे भाग्य में लिखा था, लेकिन तुमने अपने कर्म से अपने भाग्य को बदल दिया।”
तुम्हारी जीत का कारण यह है की “तुमने अपने भाग्य से ज्यादा अपने कर्म को आवश्यक समझा, और उस दूसरे राजा ने अपना सबकुछ भाग्य पर छोड़ दिया। उसने अपने कर्म से ज्यादा अपने भाग्य को आवश्यक समझा और पूरे समय निश्चितता से भरा रहा। जिसके कारण आज तुम विजयी हो और वो तुम्हारा बंधक है।”
Moral of Motivational Story on Destiny in Hindi
दोस्तो यह बात सच है की “सबकुछ हमारे हाथ में नही होता है, लेकिन यह भी सच है की “बहुत कुछ हमारे हाथ में होता है, लेकिन हम उसे भी भाग्य के भरोसे छोड़ कर जीवन भर रोना चुनते हैं” दोस्तो लोग जानते है की स्वस्थ कैसे रहा जा सकता है, लेकिन समय ना होने का बहाना बनाकर वे अपने अंदर बीमारिया पालते रहते हैं।
और जब कोई गंभीर बीमारी हो जाती है, तो वे लोग अपने भाग्य को दोष देना शुरू कर देते हैं। दोस्तो अगर आज हम किसी समस्या में है? तो वे सिर्फ हमारे पुराने गलत कर्मो के कारण है। और कल अगर हम इस समस्या से निकलेंगे तो वे सिर्फ आज के अच्छे कर्मों के कारण ही निकलेंगे।
दोस्तो अगर आप आज कुछ नही करते हैं, तो कुछ तो होगा ही और वो आपका भाग्य है, और अगर आप आज अपने बुद्धि का इस्तमाल करके वो करते हैं जो आप करना चाहते हैं, तो वो आपका कर्म है। तो ये आपके ऊपर है की आपको कुछ करना है या अपने भाग्य के भरोसे बैठे रहना है।
दोस्तो यह प्रश्न आवश्यक नहीं है की “भाग्य पहले से लिखा हुआ है या नही? बल्कि आवश्यक सवाल यह है की “क्या हम उन चीजों को भी भाग्य के भरोसे छोड़ रहे हैं, जिन्हे हम बदल सकते हैं?
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दोस्तों आज के इस Motivational Story on Destiny in Hindi आर्टिकल में सिर्फ इतना ही, दोस्तों हम आपसे फिर मिलेंगे ऐसे ही एक लाईफ चैंजिंग आर्टिकल के साथ तब तक के लिए आप जहा भी रहिए खुश रहिए और खुशियां बांटते रहिए।
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद. 🙏🙏🙏