बदले अपनी सोच तो बदलेगा जीवन बुक समरी इन हिंदी में | Badle Apni Soch To Badlega Jeevan Book Summary in Hindi
नमस्कार दोस्तों आप सभी का हमारे नॉलेज ग्रो मोटिवेशनल ब्लॉग पर स्वागत है। दोस्तो आज का यह आर्टिकल आप सभी के लिए बहुत ही स्पेशल और लाइफ चेंजिंग साबित होने वाला है, क्योंकि दोस्तो आज के इस बुक समरी के जरिए में आपको बताने वाला हु की “कैसे हम अपनी सोच को बदलकर हम अपनी लाइफ को बदल सकते है।”
दोस्तो ऐसा कहा जाता है की आप सभी की आपके खुद के विचारों पर मास्टरी होनी चहिए। क्योंकि अगर आपके विचारों पर आपकी मास्टरी होंगी तभी आप अपने जिंदगी की मास्टरी कर पाएंगे। क्योंकि दोस्तो हर चीज की जड़ क्या है? “विचार ”
आपके हर बिहेवियर की जड़ है “विचार” और आपके हर एक बिलिफ की जड़ है “विचार” दोस्तो क्या आपको पता है की एक दिन में एक इंसान के मन में कितने विचार आते हैं? तो में आपको बताना चाहूंगा कि एक दिन में एक इंसान के मन में 60 हजार विचार आते हैं।
तो क्या हम इन सभी 60 हजार विचारों की मास्टरी कर सकते हैं? इसका मतलब की क्या हम इन सभी 60 हजार विचारों को पूरी तरह से कंट्रोल कर सकते है? दोस्तो अगर आप इन सभी सवालों के जवाब आसान भाषा में जानना चाहते हैं? तो आप आज के इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़िए।
लेखक के बारे में :
दोस्तो बदले अपनी सोच तो बदलेगा जीवन किताब को भूपेंद्र सिंग राठौर जी ने लिखा हुआ है और वो एक इंटरनेशनल मोटीवेशनल स्पीकर, कार्पोरेट ट्रेनर और उसके साथ ही एक बिजनेस कोच भी है। उनका Coachbsr नाम का एक यूट्यूब चैनल भी है, जिस पर वे अपने वीडियोस के माध्यम से लोगों को मोटिवेट करते रहते हैं।
Badle Apni Soch To Badlega Jeevan Book Summary in Hindi
दोस्तो बदले अपनी सोच तो बदलेगा जीवन किताब आपको अपने विचारों पर कंट्रोल कराने में मदद करेगी और उसके साथ ही यह किताब आपको आपके नकारात्मक भावो के तालाब से बाहर निकालकर , प्रसन्नता और सफलता की राह तक ले जायेगी।
दोस्तो इस किताब में दिए गए तकनीकों को अगर आपने अपने जीवन में उतारा, तो आपका जीवन चमत्कारिक रूप से बदल सकता है। तो दोस्तो बिना समय को वेस्ट किए चलिए जानते हैं, इस किताब में दिए गए महत्वपूर्ण लाईफ लेसंस के बारे मे, जो आपके जीवन को बदल सकते हैं।
मन के नियम
दोस्तों इस अध्याय में लेखक भूपेंद्र सिंह जी ने मनुष्य के मन के बारे में बताया हुआ है, जो दिखाई तो नही देता है, लेकिन मनुष्य का सबसे शक्तिशाली अंग वही है। और वो कैसे कार्य करता है और उसके नियम क्या है? यह सब इस अध्याय में बताए हुए हैं। तो चलिए एक एक करके जानते हैं।
1. मन किसी भी प्रकार के शब्दों अथवा भाषा को नही पहचानता , बल्कि यह केवल चिन्हों को समझता है।
दोस्तो हमारा मन किसी भी प्रकार के शब्दों अथवा भाषा को नही पहचानता , बल्कि यह केवल चिन्हों को समझता है। दोस्तो में आपको एक उदाहरण देकर समझाने की कोशिश करता हूं। यदि में आपसे कुछ वाक्य कहु तो आप मन ही मन उसकी एक तस्वीर बनाते जायेंगे। चलिए इसे साबित करते हैं।
“एक व्यक्ति लाल रंग का बैग अपने कंधे पर लेकर जा रहा है।”
आपने देखा। क्या हुआ ? अगर आपने ऊपर दिए हुए वाक्य को पढ़ा हुआ होंगा तो आपने मन ही मन में यह जरूर सोचा होंगा की “एक व्यक्ति अपने कंधे पर लाल रंग की बैग लेकर चल रहा है।”
दोस्तो मनुष्य का मन ऐसे ही कार्य करता है। यदि आप अपने आप से कहते हैं की “मुझे किसी भी प्रकार का उधार नहीं चाहिए या आप कहते हैं की मुझे किसी भी प्रकार की मुसीबत में नही फसना है। तो ऐसा सिर्फ सोचने भर से ही आपके मन में उधार और मुसीबतों भरी बाते आपके मन में आने लग जाती है।
दोस्तो यदि आप नकारात्मकता तथा निराशा भरी बाते सोचते हैं, तो आपको उन्हे तुरंत अपने मन से हटाना होंगा। क्योंकि अगर आप ऐसा नही करते हैं तो आप उसमे और ज्यादा फसते जायेंगे। इसीलिए तुरंत एक ठोस कदम उठाइए। जैसे कि जोर से एक गीत गाएं या जोश पैदा करने वाला कोई गीत सुने।
या आप जो भी करना चाहते हैं उसे आप जरूर करें , लेकिन कुछ न कुछ अवश्य करते रहिए। क्योंकि दोस्तो सभी महान नेता जो इस दुनिया में महान कहलाए गए, वो सिर्फ इसलिए महान नेता कहलाए गए, क्योंकि उन्होंने अपने मन को केवल उसी दिशा में केंद्रित किया जो काम वे करना चाहते थे, न की उसी दिशा में केंद्रित किया, जो काम वे नही करना चाहते थे।
2. मन कल्पना तथा वास्तविकता में अंतर नही समझता।
दोस्तो आज हम कभी भी कोई दुखद फिल्म देखते हैं, तो उसे देखने के बाद हमे रोना आ जाता है, या कोई डरावनी फिल्म देखने के बाद हमारे मन में कई दिनों तक एक डर सा बैठ जाता है। हमे पता होता है की वो सिर्फ एक फिल्म थी, ना की कोई सच्चाई थी, फिर भी हम डरने लगते हैं।
ऐसा क्यों होता है जानते हैं आप?
दोस्तो डर एक ऐसी चीज है जो आपके और हम सभी के मन में तब बस जाती है, जब हम किसी ऐसी घटना के बारे में केवल सोचते हैं, जो कभी हुई ही न हो या बीते समय में हमारे साथ हुई हो।
लेकिन आप और हम ऐसा कभी नहीं चाहते हैं की ऐसी घटना हमारे साथ कभी भी हो। डर इंसान को अपंग बना देता है क्योंकि इंसान का अवचेतन मन कल्पना और सच्चाई में अंतर करना नही जानता है।
3. मन कम से कम काम करने में यकीन रखता है।
दोस्तो हमारा मन हमेशा किसी भी काम को आसान तरीके से पूरा करना चाहता है , क्योंकि हमारा मन कम से कम काम करने में यकीन रखता है। कैसे आइए जानते है। दोस्तो क्या आप बता सकते है की आप में से कितने लोग ऐसे है, जो हर सुबह जल्दी उठने का प्रण लेते है।
लेकिन जब सुबह होती है और घड़ी अपना अलार्म बजाती है, तो आप उसे बार बार बंद करते हैं। और फिर उसके बाद जब आप उठते हैं तो बहुत देर हो चुकी हुई होती है। अब आप उस समय के बारे में सोचिए जब किसी ने आपको जबरदस्ती पढ़ने के लिए कहा था या फिर आपने स्वय से पढ़ने के लिए कहा था।
दोनो पक्षों की तुलना करने पर आपको पता चल जायेगा की जब आप वास्तव में पढ़ाई कर रहे थे, तो उस दौरान आपने समय का सबसे अधिक सदुपयोग किया। और जब आपने मन से पढ़ाई की, तब आपकी उत्पादकता अधिक रही।
क्या आपने कभी सोचा है की ऐसा आखिर क्यों होता है?
दोस्तो ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि हमारा अवचेतन मन ज्यादा मेहनत नहीं करना चाहता है। वह एक नवजात शिशु की तरह होता है। अंत: हम उसे किसी भी काम को करने के लिए मजबूर नही कर सकते है, लेकिन हम कभी कभी केवल बहाने बनाकर या उसे बहलाकर उसे भटका जरूर सकते है।
कैसे आइए जानते है 👇👇👇
दोस्तो आपने अक्सर देखा होंगा की जब आप कभी किसी आवश्यक कार्य में मगन होते हैं, तो आपको समय का पता ही नही चलता है और ना ही आपको उस दौरान बुख और प्यास का अनुभव होता है। यह वह समय होता है जब आप बिना थके हारे काम करते हैं, और खुद को गौरवान्वित महसूस करते हैं।
जब आपमें अपने मनपसंद कार्य को करने का जुनून सवार होता है, तो आप मेहसूस करते हैं की आपने बेहतर से बेहतर कार्य को किया हुआ है। ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि आपके मन को ऐसा करना अच्छा लगता है। उस समय आपका मन किसी दूसरे के कहने पर कार्य नही करता है और ना हीं आपको तब कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।
उस दौरान यह आपकी सहायता करता है क्योंकि आप जो कुछ अपनी इच्छा से कर रहे हैं, वो उसे भी अच्छा लगता है। यदि आप कोई ऐसा कार्य कर रहे हैं, जो आप दिल से करना नही चाहते हैं और आपके पास इसके अलावा कोई अन्य विकल्प भी नही है, तो लेखक कहते हैं, की तो आप खुद को जबरदस्ती उस कार्य को करने से रोके।
क्योंकि आप जितना अधिक समय उस कार्य को करने में लगाते जायेंगे , तो आप उतना ही अधिक थकते जायेंगे। जिसका परिणाम यह होगा की आप हार कर उमिद करना छोड़ देंगे। इसीलिए किसी भी कार्य को करते वक्त आपको हर एक घंटे के बाद आपको कुछ ना कुछ ऐसा सकारात्मक कार्य करना है, जिससे आपके मन में ऊर्जा का संचार हो।
जैसे की आप अपने घनिष्ठ मित्र के साथ बात कर सकते है या आप अपने मनपसंद उपन्यास के कुछ पेजेस पढ़ सकते हैं। इससे होगा यह की आपका मन फिर से तरोताजा हो जायेगा और आप बहुत जल्दी मेहसूस करेंगे की जिस कार्य को करने में आपको बोरियत महसूस हो रही थी, मन में पॉजिटिव विचार आने से वही कार्य करने में आपको अच्छा लगने लगेगा।
4. मनुष्य का मन जिस चीज की भी इच्छा रखता है, वह उसे पा सकता है।
दोस्तो यह जीवन का एकमात्र सच है कि आपका दिमाग एक चुंबक की तरह है, जिसमें ऐसी क्षमता है, की आप जो कुछ भी पाना चाहते हैं, वह उसे अपनी और आकर्षित कर सकता है। यदि आप अपने घर से नई दिल्ली जाने के लिए निकलते हैं, तो आप नई दिल्ली ही पहुंचेंगे, न्यू यॉर्क नही।
आप न्यू यॉर्क तभी पहुंचेंगे जब आप न्यू यॉर्क जाने का विचार करेंगे। आप अपने किसी भी लक्ष्य को पूरा करते हैं , तो इसके पीछे केवल एक ही कारण होता है की आपने इसके बारे में क्या सोचा था और अपनी उस सोच को पूरा करने के लिए क्या क्या प्रयास किए हुए थे।
यदि आप अपने आसपास देखेंगे तो आपको पता चल जायेगा की लोग अक्सर आपस में बाते करते हुए दिखाई देते हैं की एक न एक दिन उन्हे अच्छा वेतन प्राप्त होंगा। और उनमें से अधिकतर लोग ऐसा वेतन प्राप्त करने में सफल भी हो जाते है, लेकिन कड़े परिश्रम करने के बाद ही उन्हें ऐसी कामयाबी मिलती है।
कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो उच्च श्रेणी का जीवन व्यतीत करना चाहते हैं, और समय आने पर वे भी अपने मकसद में कामयाब हो जाते है, जिसके बारे में उन्होंने सोचा था। दोस्तो इस जीवन का एक महत्वपूर्ण नियम यह भी है की 👇👇👇
आप जब भी किसी चीज के बारे में पूरी एकाग्रता के साथ बार बार सोचते हैं, तो आपका दिमाग भी कुछ समय बाद उसी दिशा में सोचना शुरू कर देता है। और आपकी सोच को पूरा करने के लिए आपकी सहायता करना शुरू कर देता है। और फिर आपके जो कुछ भी सपने है, वो धीरे धीरे पुरे होने लगते है।
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नकारात्मक विश्वास को सकारात्मक कैसे बनाए।
दोस्तों इस अध्याय में लेखक ने नकारात्मक विश्वास को सकारात्मक कैसे बनाए। इस बारे में बताया हुआ है, चलिए एक एक करके जानते हैं कैसे अपने नकारात्मक विश्वास को सकारात्मक बनाए।
1. नकारात्मक विचारों को पहचान लें।
दोस्तो सबसे पहले आपको यह सीखना है की आपने अपनी नकारात्मक मान्यताओं को कैसे पहचानना है। ऐसा करने के लिए आपको मन में चल रहे नकारात्मक विचारों का पता लगाना है और फिर कुछ सवाल करके उनकी पुष्टि करना है। में आपको एक उदाहरण प्रस्तुत करके समझाता हूं।
उदाहरण केलिए आप सोचते हैं की “में पढ़ाई में उतना अच्छा नही हु।” तो फिर अपने आप से यह पूछे की क्या ऐसा विचार आपके मन में बार बार आता है? क्या ऐसा विचार सोचने से आपको बुरा लगता है। क्या ऐसे विचार आपको किसी लक्ष्य तक पहुंचाने में बाधा उत्पन्न करते हैं? यह आपकी उन्नति में किस प्रकार बाधक है?
दोस्तो नकारात्मक विचार वो होते हैं जो आपके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डालते है। नकारात्मक विचारों का पता लगाने के बाद अगली स्टेप है की आपको तुरंत उनका समर्थन करने से बचना है।
2. तुरंत उनका समर्थन करने से बचें।
दोस्तो बहुत से लोग बिना सोचे समझे और झूठे सबूतों के बल पर नकारात्मक मान्यताओं का समर्थन करते रहते हैं और उनके बारे में अधिक से अधिक सोचते हैं। आपको ऐसा नहीं करना है। दोस्तो इनका समर्थन न करना ही नकारात्मक मान्यताओं को रोकने का सबसे पहिला तरीका है।
3. यह मान लें की ऐसे विचारों में कोई सच्चाई नहीं होती है।
दोस्तो मान्यताओं और सच्चाई में बहुत ज्यादा अंतर होता है। सच्चाई कभी भी नही बदलती है और वही पर मान्यताएं हर व्यक्ति के हिसाब से अलग अलग होती है और वो समय समय पर बदलती रहती है। उदाहरण के लिए यह एक सच्चाई है की शाहरुख खान एक बहुत ही बड़ी हस्ती है, लेकिन मान्यता यह है की कोई भी उससे महान नही हो सकता है।
दोस्तो अब आपको मान्यताएं और सच्चाई में क्या फर्क होता है, यह आपको समझ आ ही गया होंगा। दोस्तो उसके बाद अगला कदम यह है की उन नकारात्मक विचारों पर विवाद करे और उनके खिलाप सवाल उठाइए।
4. नकारात्मक विचारों पर विवाद करे और उनके खिलाप सवाल उठाइए।
दोस्तो नकारात्मक मान्यताओं को बदलने का सबसे बेहतर तरीका यह है की उनके खिलाप आवाज उठाइए और उन पर विवाद करें। यानी आपको अपने नकारात्मक मान्यताओं के खिलाप आवाज उठाने के लिए आपको खुद से कुछ सवाल पूछने है।
जैसे की…
- आपको कैसे पता चलता है की आपको किस चीज के बारे में आत्मविश्वास नही है?
- क्या आपको यकीन है की आप में आत्मविश्वास नही है?
- क्या आपने कभी अपने ऊपर विश्वास किया है?
- क्या आपको ऐसी घटनाए याद आती है जब आपने खुद पर विश्वास किया हो?
- यदि आपके परिवार के सदस्य आप पर निर्भर हो और उन्हे यह लगता है की आप सही कर रहे हो, तो भी क्या आप अपने ऊपर भरोसा नही कर सकते?
दोस्तो अब में आपको एक रीयल लाइफ Example देकर समझाने की कोशिश करूंगा की अपने नकारात्मक विचारों पर विवाद कैसे करे और उनके खिलाप सवाल कैसे उठाए।
दोस्तो एक बार लेखक हजार से भी ज्यादा स्टूडेंट्स को एक सत्र में संभिधित कर रहे हैं। तब उन्होंने यह देखा की विद्यार्थियों का एक बहुत बड़ा गट अपने में मस्त था, जो की इस सत्र में भाग नही ले रहा था। और इसीलिए लेखक ने उन्हें स्टेज पर बुलाया।
लेकिन उसमे से एक भी बच्चा स्टेज पर नही आया, क्योंकि वे स्टेज पर जाने से डरते थे। इसलिए लेखक भूपेंद्र सिंह जी ने उस गट में से एक बच्चे के पास गए और उस बच्चे के सामने जाकर बैठ गए और उस बच्चे से पूछा की तुम क्यों स्टेज पर नही आना चाहते हों?
फिर उस बच्चे ने जवाब दिया की मैं आज से पहले कभी भी मंच पर नही गया और इसलिए में डर रहा हूं। उस बच्चे का यह जवाब सुनने के बाद लेखक उनको बोले की “तो तुम्हारा डर कब चला जायेगा? क्या इस तरह एक कौन में बैठकर तुम्हारा डर चला जायेगा?”
फिर बच्चे ने बोला कि नही।
लेखक: बिल्कुल सही। क्या तुम एक सफल इंसान बनना चाहते हों या फिर ऐसे ही रहना चाहते हों?
बच्चा: में बहुत सारी सफलता हासिल करना चाहता हूं।
लेखक : क्या तुम डरते हुए सफलता को हासिल कर सकते हो?
बच्चा: नही।
लेखक: इस प्रकार कब तक तुम डर से भरा जीवन जीत रहोगे।
फिर उस बच्चे ने तुरंत जवाब दिया की “एक मिनिट भी नही।”
लेखक: तो तुम मंच पर क्यों नही आए और इस डर का सामना क्यों नही किया?
बच्चा: नही, में नही आ सकता। मुझे डर लगता है।
फिर लेखक ने उस बच्चे को एक कल्पना करने को कहा की कल्पना करो की तुम शाम को जब अपने घर पहुंचते हो तो तुम देखते हो की तुम्हारी मां अपने अंतिम सांसे ले रही है और उसकी अंतिम इच्छा यह है की तुम मंच पर खड़े होकर सैकड़ों लोगों को संबोधित कर रहे हो और सभी लोग खड़े होकर तुम्हारा अभिवादन कर रहे हैं।
तो ऐसे में क्या तुम अपनी मां की अंतिम इच्छा को पूरी नहीं करोगे?
फिर उस बच्चे ने तुरंत जवाब दिया की में अपनी मां की अंतिम इच्छा जरूर पूरा करूंगा। और उसके इस जवाब के बाद लेखक ने उस बच्चे को एक ओर सवाल पूछा की तुम कैसे कह सकते हो की तुम्हारी मां हमेशा के लिए जीवित रहेंगी?
क्या तुम जानते हो कि इस क्षण न जाने कितने ऐसे लोग हैं, जो अपने माता पिता को खो रहे हैं? इतना सब कहने के बाद लेखक वापिस स्टेज पर चले गए और फिर उसके पीछे पीछे वो बच्चा भी स्टेज पर आ गया। इसी के साथ वे बच्चे भी स्टेज पर आ गए जो स्टेज पर आने से डर रहे थे।
क्योंकि अब उन बच्चो का ध्यान अपनी कमजोरियो से हट गया था और वे अपने परिजनों की खुशी के बारे में सोच रहे थे। दोस्तो इस तरह आप अपनी नकारात्मक मान्यताओं को ललकारने से आपका आत्मविश्वास और भी ज्यादा बढ़ जाता है।
दोस्तो क्या आप अपने आप से ऐसे कुछ सवाल कर सकते है, जो आपके विचारो को बदल दें , जिससे आपके जीवन में सब कुछ बेहतर हो सकें।
5. उन शक्तिशाली विचारों के बारे में सोचे जिनसे आप नकारात्मक विचारों को बदल सकते हैं।
दोस्तो क्या आप अब पूरे विश्वास के साथ अपने आप से यह कह सकते है की “में इस संसार का ऐसा व्यक्ति हु जिसे अपने ऊपर सबसे अधिक विश्वास है। अगर आप ऐसा कह सकते है तो आप यकीनन अपने नकारात्मक विचारों को सकारात्मक सोच में बदल सकते हैं। ऐसा करने के बाद आपको अपने मन को सशक्त बनाने वाले विचारों को और बल देना है।
सफल अभिव्यक्ति का सूत्र
दोस्तो हम सभी एक सफल और कामयाब व्यक्ति बनना चाहते हैं और अपने जीवन में बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल करना चाहते हैं। लेकिन कभी कभी हम इस लकीर से भटकर अपने लक्ष्य की दिशा को खो देते हैं। दोस्तो क्या आपके साथ भी ऐसा होता है?
तो दोस्तो नीचे दिए गए तरीके आपको आपकी दिशा के बारे में बताते है, जिनका आपके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
1. प्रबल इच्छा
दोस्तो आकर्षण का नियम कहता है कि यदि आपके अंदर किसी चीज के लिए प्रबल इच्छा है, तो संसार की कोई भी शक्ति आपको उसे पाने से रोक नही सकती है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है की आपकी इच्छा बहुत मजबूत होनी चाहिए और ब्रम्हांड को सकारात्मक तरीके से उसका संदेश भेजा जाना चाहिए।
आपको केवल आपके महत्वपूर्ण सपने को जाहिर करना है और अपने दृढ़ विचारो के साथ उस पर स्थिर रहना है। यानी आपको केवल उसी विचार पर डटे रहना है। और उसे कभी भी छोटा मत समझो या फिर किसी छोटी इच्छा से मत बदलो।
दोस्तो ऐसा करने की मूर्खता बिलकुल भी मत करो क्योंकि यह ब्रम्हांड आपको सबकुछ से सकता है। इसीलिए अपने लिए बेहतर से बेहतर सोचे – डरपोक मत बने और अपने मन में जो भी प्रबल इच्छा हो, उसे दिल खोल के मांग लें। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि यह ब्रम्हांड बहुत ही समझदार है।
यह इस बात पर विश्वास नहीं करता की आपकी प्रबल इच्छा क्या है? जिस क्षण आपके मन में कोई इच्छा जागती है, तो यह ब्रम्हांड उसी क्षण से एक एक करके आपकी परीक्षा लेनी शुरू कर देता है। जो व्यक्ति इस परीक्षा में उत्तीर्ण हो जाता है, जीत उसी की ही होती है।
2. पूर्ण स्पष्टता
दोस्तो अगर आपको सफल और कामयाब व्यक्ति बनना है? तो आपका जो भी लक्ष्य है, उसमे पूर्ण स्पष्टता होनी चाहिए। दोस्तो में आपको एक उदाहरण देकर समझाने कोशिश करता हूं। दोस्तो इस उदाहरण को ध्यान से पढ़े।
एक बार एक व्यक्ति था जो कई सालो तक रोजाना ईश्वर की प्रार्थना किया करता था। एक दिन ईश्वर उसके सामने प्रकट हो जाते है और उसे 3 वरदान देते हुए कहते हैं की “मेरे पुत्र तुम क्या चाहते हो?”
उस व्यक्ति ने जवाब दिया गया “में चाहता हूं की मेरा बैग नोटो से भरा रहे। और में चाहता हूं की मेरे आसपास खूबसूरत महिलाए रहे और मेरे पास बहुत बड़ी गाड़ी हो।”
फिर ईश्वर ने कहा की “ठीक है, ऐसा ही होंगा।”
वह व्यक्ति आगे चलकर एक बस का कंडक्टर बन गया और उसके गले में लटके बैग में नोट भरे हुए रहते थे और रोजाना खूबसूरत महिलाए उसकी बस में आकर बैठती थी और जब बस चलती थी तो सड़क पर सैकड़ों कारें उसके आसपास दिखाई देती थी।
दोस्तो भगवान को बस से बड़ी गाड़ी समझ में नही आई, इसीलिए आपका जो भी लक्ष्य है उसके बारे मे पूरी स्पष्टता से सोचे। दोस्तो अब आपको समझ आ ही गया होगा की अपने लक्ष्य के बारे में पूर्ण स्पष्टता होना क्यों जरूरी है।
3. पूर्ण विश्वास
दोस्तो अगर हमे अपने सभी सपनो को पूरा करना है, तो हमे अपने सपनो पर पूर्ण विश्वास का होना बहुत जरुरी होता हैं। जब आप पूरे विश्वास के साथ अपनी इच्छा को जाहिर करते हैं, तो यह ब्रम्हांड भी उसे पूरा करने में पूरी ताकत लगा देता है।
यह मत पूछे की क्यों और कैसे? क्योंकि इस सवाल का आपसे कुछ भी लेना देना नही है। आपका काम सिर्फ मांगना है और वो मांगी हुई चीज आपको जरूर मिलेगी ऐसा दृढ़ विश्वास रखना है। उसके बाद यह ब्रम्हांड आपको वो सब कुछ देगा जो आप चाहते हैं और उसके साथ ही आपको कर्म करना भी बहुत आवश्यक है।
4. उम्मीद और भरोसा
दोस्तो उम्मीद और भरोसा ये 2 ऐसे मजबूत स्तंभ है, जो आपको किसी भी चीज की इच्छा करने तथा उसे पूरे करने की शक्ति देते हैं। यदि आप अपने सपनो का घर बना रहे हैं, या सफ़लता पूर्वक कोई प्रयोग करना चाह रहे हैं, तो आपको अपनी उम्मीदों को जीवित रखना है और उसपर पूरा भरोसा करना है।
अपनी इच्छाओं को कैसे बढ़ावा दें।
दोस्तो अगर आप सही मायनो में अपनी इच्छाओं को बढ़ावा देना चाहते हैं? तो इसके लिए लेखक ने इस अध्याय में कुछ कारगर सिद्ध उपाय सुझाए हुए हैं, जिनका प्रयोग लेखक भूपेंद्र सिंग राठोर जी ने खुद अपने ऊपर किया हुआ है। तो चलिए जानते हैं उन शक्तिशाली उपायों के बारे में, जो हमे हमारे सपनो को पूरा करने में मदद करेंगे।
Affirmations करे।
दोस्तो आपने Affirmations के बारे में कई बार सुना होंगा और आप सोच रहे होगे की इसके सही मायने क्या हो सकते है? इसका मतलब यह है कि “सकारात्मक कथन जो किसी वांछित हालात को प्रकट करते हैं, और उन्हें इतनी बार दोहराया जाता है की वे अवचेतन मन में दर्ज हो जाते हैं और सकारात्मक नतीजे सामने लाते है।”
दोस्तो में आपको एक उदाहरण देकर समझाने कोशिश करूंगा। आप ऐसी कल्पना करे की आप फुटबाल के मैदान में अपने खिलाड़ी साथियों के साथ दौड़ रहे हैं। वे दस राउंड लगा रहे हैं जो की आपने कभी भी नही किया, पर आप उनका दिल जीतना चाहते हैं और उन्हें दिखाना चाहते हैं की आप भी ऐसा कर सकते हैं।
तो आप भी भागने लग जाते हैं और आप मन ही मन यह भी दोहराते जा रहे हैं की “में ऐसा कर सकता हूं, मैं ऐसा कर सकता हूं.” आप ऐसा न केवल सोचते हैं बल्कि इस बात पर पूरा विश्वास भी करते हैं की आप भी उनके जैसा कर सकते है।
दोस्तो दरअसल ऐसा करते हुए आप स्वय को सकारात्मक अभिकथन दे रहे हैं। और यह ओर कुछ नहीं बल्कि Affirmations ही है, जो हमे अपनी इच्छाओं को बढ़ावा देने में मदद करता है।
जैसे की…
- में पूरी तरह से फिट और सेहतमंद हु।
- मेरा जीवन पूरी तरह से भरपूर है।
- में दिन प्रती दिन संपन्न हो रहा हूं।
मानसिक चिंतन (Visualization) करें।
दोस्तो मानसिक चिंतन अपने आप में बहुत ताकतवर माना गया है और इसे पूरे समर्पण भाव से किया जाए तो यह हमारे लिए बेहतरीन नतीजे ला सकता है। अगर आप ऐसी कोई महंगी कार पाना चाहते हैं, जिसे आपने हाल ही में सड़कों पर देखा हो, तो उसे पाने के लिए मानसिक चिंतन करे।
यानी आपको न्यूज पेपर से उसके बारे में जानकारी इकठी करनी है और उसकी इंटरनेट पर खोज करना है और अगर संभव हो तो शोरूम में जाकर उसकी टेस्ट ड्राइव करे। उसे मेहसूस करे और उसके बारे में इतना सोचे की अपनी पुरानी कार या अपनी पुरानी गाड़ी को चलाते हुए भी आपको ऐसा लगे कि आप उस नई कार को चला रहे हैं।
आपको उसे अपने रोजमर्रा के जीवन का हिस्सा बनाना होगा और हमेशा उसके बारे में विचार करें। तो आपकी यह इच्छा एक न एक दिन जरूर पूरी होंगी। दोस्तो अगर आप goal setting के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो आप नीचे दिए हुए आर्टिकल को अवश्य पढ़िए।
दोस्तो यह थी Badle Apni Soch To Badlega Jeevan Book Summary in Hindi में, यह Book Summary आपको कैसी लगी कृपया ये हमे नीचे कॉमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताएं।
दोस्तो अगर आपको यह जानकारी पसंद आई होगी और आपके लिए उपयोगी साबित हुई होंगी? तो अपने दोस्तो और फ़ैमिली वालों के साथ इस बुक समरी को अवश्य शेयर कीजिए।
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दोस्तो आज के इस Badle Apni Soch To Badlega Jeevan Book Summary in Hindi आर्टिकल में सिर्फ इतना ही दोस्तो हम आपसे फिर मिलेंगे ऐसे ही एक इंट्रेस्टिंग और यूजफुल आर्टिकल के साथ तब तक के लिए आप जहा भी रहिए खुश रहिए और खुशियां बांटते रहिए।
आपका बहुमूल्य समय देने के लिए दिल से धन्यवाद 🙏🙏🙏
Bhai Apne to hmari tensan hi dur kar diya Bhai mai Apne dil se thank you kahna chahata hu ki Apne es book ki bhaut hi Achhi summary bnai bhai es book ki summary padkar bahut maja aya aor es book se ek nai urja meli Aor mai es urja ko Anpi life ke gols ko pura karne ke liye istemal karunga bhai mai Apko jitna thakyou kahu kam hai kyu ki mughe pata hai ki Apne es book nahi likha lekin es book ki summary Apne banayi Aur Apki ki wajah se me es book ki summary padh paya hu es liye fir se ek bar the dil sukriya Thankyou,,🥰 ,Thank you,, 🥰
Thank you,,🥰 much bhai ❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
मेरे प्यारे भाई Arbaj जी आपके बहुमूल्य कमेट के लिए पहले दिल से धन्यवाद. Arbaj जी जब में मेरे ब्लॉग पर हर रोज ऐसे ही दिल को छु लेने वाली कमेंट पढता हु, तो मुझे लगता है की मेरा ऐसी आर्टिकल्स लिखना सफल रहा.
धन्यवाद आपका दिन शुभ हो…