Best Motivational Kahani in Hindi For Success – चार रानियों वाला राजा | Short Motivational Story in Hindi
नमस्कार दोस्तों आप सभी का नॉलेज ग्रो मोटिवेशनल ब्लॉग पर स्वागत है, दोस्तों आज का यह आर्टिकल आप सभी के लिए बहुत ही उजफुल और लाइफ चेंजिंग साबित होने वाला है, इसीलिए दोस्तों इस आर्टिकल को अंत तक जरुर पढ़िए।
दोस्तों अगर आप इस कहानी को अंत तक ध्यान से पढ़ते है, तो आपको इस कहानी से कुछ ऐसा सिखने को मिलने वाला है, जो आपको आपकी जिन्दगी में बहुत काम आने वाला है। इसलिए इस कहानी को अंत तक अवश्य पढ़िए।
एक बार एक रईस राजा था जिसकी चार रानियाँ थीं। वो अपनी चौथी रानी को सबसे ज्यादा प्यार करता था। उसे महंगे कपड़ों से लादे रहता और बेहतरीन खाना खिलाता था। वो उसे केवल सबसे अच्छा देता था।
वो अपनी तीसरी पत्नी से भी बहुत प्यार करता था और उसका आस – पास के राज्यों में बखान करता था. मगर उसे डर था कि वो एक दिन उसे किसी और के लिए छोड़ देगी।
वो अपनी दूसरी पत्नी से भी प्यार करता था और वो उसकी हमराज़ थी और वो उसके साथ हमेशा सहानुभूति, इज्ज़त और धैर्य से रहती थी। जब भी राजा को कोई परेशानी होती थी, तो वो उसे बताता था ताकि वो राजा को उस परेशानी का हल बता सके।
राजा की पहली पत्नी राजा की सबसे वफ़ादार थी और राज्य और उसकी दौलत बढ़ाने में बहुत मदद करती थी। मगर, वह अपनी पहली पत्नी से प्यार नहीं करता था।
एक बार राजा बीमार पड़ गया और उसे समझ आ गया की उसके पास समय बहुत कम है, इसीलिए उसने अपनी चौथी पत्नी से पूछा की, मैंने सबसे ज्यादा प्यार तुमसे किया है और तुम्हे सबसे बेहतरीन चीजो से नवाजा है, तुम्हारा सबसे ज्यादा ध्यान रखा है।
अब जब में मरने जा रहा हु, क्या तुम मेरा साथ देने के लिए मेरे साथ चलोगी? तब उसके चौथी पत्नी ने जवाब दिया की बिलकुल नही.. उसकी बात राजा के दिल में छुरी जैसी चुभी…
अब दुखी राजाने अपने तीसरे पत्नी से पुछा की मैंने सारी जिंदगी तुमसे प्यार किया, अब में जा रहा हु, क्या तुम मेरे साथ चलोगी?
नहीं, ऐसा तीसरी पत्नी ने जवाब दिया, जिन्दगी बहुत अच्छी है और जब तुम मरोगे तो में दुबारा से शादी करुँगी। अब राजा का दिल बैठ गया था और वो अब ठंडा पड़ गया था।
फिर उसने अपनी दूसरी पत्नी से पूछा, मैंने हमेशा ज़रूरत के वक़्त तुमसे मदद माँगी और तुमने भी हमेशा मेरा साथ भी दिया. लेकिन अब जब मैं मरूँगा क्या तुम मेरा साथ देने मेरे साथ आओगी ?
माफ़ करना, इस बार मैं तुम्हारी मदद नहीं कर सकती ! दूसरी पत्नी ने जवाब दिया, ज्यादा से ज्यादा मैं तुम्हे तुम्हारी कब्र तक छोड़ सकती हूँ। उसका जवाब बिजली की तरह राजा को लगा और वो बेहद दुखी हो गया।
तभी एक आवाज़ आई : मैं आपके साथ चलूंगी और जहाँ आप जायेंगे, वहाँ आपके साथ’ चलूंगी। राजा ने अपनी नज़र घुमाई तो उसकी पहली पत्नी खड़ी थी, वो बेहद कमज़ोर थी क्योंकि वो खाती नहीं थी।
दुःख से भरकर राजा ने कहा की जब मेरे पास मौका था, तब मुझे तुम्हारा बेहतर ध्यान रखना चाहिए था. दोस्तों इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है की…
हमारी चौथी पत्नी हमारा शरीर है। हम चाहे इसे सजाने – धजाने में कितना भी दिल लगायें , मृत्यु के समय ये हमे छोड़ जायेगा।
हमारी तीसरी पत्नी हमारी संपत्ति दर्जा और दौलत है, जब हम मरते हैं, ये औरों को मिल जाती है।
हमारी दसूरी पत्नी हमारा परिवार और समिगण हैं, चाहे वो कितना ही हमारे साथ क्यों न हों, ज़्यादा से ज़्यादा वो हमारे साथ शमशान तक ही आ जायेंगे, पर उससे आगे नही।
हमारी पहली पत्नी हमारी आत्मा है, जो अक्सर दौलत, ताकत और अहूंकार के सलए बेध्यान हो जाती है।
मगर हमारी आत्मा ही एक ऐसी है, जो जहा हम जायेंगे वहा तक जाएगी। इसीलिए इसे उपजाए, ताकतवर बनाए और इसका आज से ही ध्यान रखें! यही दुनिया में आपका सबसे बड़ा तौफा है।
दोस्तों आपको यह कहानी कैसी लगी और आपको इस कहानी से और क्या क्या सिखने को मिला यह हमें निचे कमेंट बॉक्स में कमेन्ट करके जरुर बताइए।
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दोस्तों आज के इस आर्टिकल में सिर्फ इतना ही , हम आपसे फिर मिलेंगे ऐसे ही एक आर्टिकल के साथ तब तक के लिए आप जहा भी रहिये खुश रहिये और खुशिया बाटते रहिये।
आपका बहुमूल्य समय हमें देने के लिए दिल से धन्यवाद…
कहानी काफी अच्छी थी ! ऐसे ही लिखते रहे।
Bahut hi achhi Sikh hai is kahani me end me Jo hai vah atma hi hai, jinhe hm bhul jate hai
Sab kuch nasvant hai, sirf atma Amar hai or hme khud ko ek Atma ki tarah dekhna chahiye
bohat acha laga kahani!